बदायूं में लापरवाही में एसओ सस्पेण्ड थाने से कारतूस गायब होने के मामले में लिखी थी प्राथमिकी
अंकित सक्सेना
बदायूं। जनपद के मुजरिया थाने के मालखाने से 167 कारतूस गायब होने के मामले में मृतक हेड मोहर्रिर के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की चूक थानाध्यक्ष को भारी पड़ गई। एसएसपी डॉ. ओपी सिंह ने थानेदार राजेश कौशिक को सस्पेंड कर दिया है। इस प्रकरण में तत्काल थानेदार समेत हेड मोहर्रिर आदि की संलिप्तता मिलने पर उनके खिलाफ साक्ष्य एकत्र करना शुरू कर दिए गए हैं।
साल 2011 में थाने से 167 कारतूस गायब हो गए थे। निरीक्षण के दौरान कारतूसों की संख्या कम निकली तो उस वक्त जिम्मेदारों ने किसी तरह इस प्रकरण को दबा दिया। इधर अगस्त 2022 में तत्कालीन एसपी देहात सिद्धार्थ वर्मा ने थाने का निरीक्षण किया तो वहां से 168 कारतूस नदारद मिले। इनमें 38 बोर के 34, 9 एमएम पिस्टल के 11, एसएलआर के 15 समेत 303 राइफल के 108 कारतूस शामिल थे।
मामले की भनक पर सीओ सहसवान से विभागीय जांच कराई गई तो सामने आया कि तत्कालीन हेड मोहर्रिर रामबाबू के कार्यकाल में ऐसा हुआ था। थानाध्यक्ष राजेश कौशिक की ओर से इस मामले में रामबाबू के खिलाफ मुकदमा भी लिखाया गया।
मुकदमे में कह दिया मृत
रामबाबू की पिछले दिनों मौत हो चुकी है। एफआईआर में थानेदार ने मृत हेडमोहर्रिर का जिक्र कर दिया। ऐसे में मृतक के खिलाफ केस कोर्ट में जाकर खारिज होना लाजिमी है जबकि नियम के मुताबिक पहले हेडमोहर्रिर के खिलाफ मुकदमा लिखा जाता। जबकि जांच में यह तथ्य खोला जाता कि उसकी मृत्यु हो चुकी है। इसके बाद तफ्तीश को आगे बढ़ाते हुए इस मामले में लिप्त अन्य वर्दीधारियों तक पुलिस पहुंचती। थानेदार की यह चूक उन्हें भारी पड़ गई और एसएसपी ने उन्हें सस्पेंड कर दिया।
तत्कालीन थानेदार भी फंसे
इस मामले में साल 2011 में थानेदार रहे आशीष कुमार शुक्ला समेत सिपाही जोगराज आदि के नाम प्रकाश में आए हैं। एसएसपी ने बताया कि उनके खिलाफ साक्ष्य एकत्र किए जा रहे हैं।
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