दबंगों ने आधी रात को छप्पर में लगायी आग, युवक झुलसा
अनुभव शुक्ला/संदीप पाण्डेय
नसीराबाद/सलोन, रायबरेली। इन दिनों जिले के कुछ पुलिस कर्मियों के सह पर दबंगों के हौसले लगातार बुलंद होते जा रहे हैं जिससे शिकायत के बावजूद कार्यवाही के बजाय पुलिस दबंगों का ही पक्ष लेती नजर आती हैं। यदि देखा जाए तो पुलिस की लचर कार्यशैली से ही मामूली विवाद घटना में बदल कर उग्र रूप ले लेती हैं। कानून का सहारा लेने वाले पीड़ितों को उच्चाधिकारियों से कार्यवाही का आश्वासन भले ही मिलता हैं किंतु दबंग पुलिस आरोपियों से मिल पीड़ितों पर ही सितम ढाते हुए नजर आते हैं।
जी हां, हम बात कर रहे हैं जिले के नसीराबाद थाना क्षेत्र स्थित चतुरपुर गांव कि जहां पर दबंग एक पीड़ित परिवार का दिन में छप्पर हटाते नजर आते हैं और मौके पर पहुंची यूपी 112 ने सुबह दोनों पक्षों को नसीराबाद थाना तो बुलाया किंतु पुलिस के आने से दबंग इस कदर कुपित हुए की आधी रात को छप्पर में आग लगाकर नसीराबाद पुलिस को खुलेआम चौलेंज करते हैं। रात को अचानक आग लगने से छप्पर के नीचे सो रहा युवक गंभीर रूप से झुलस जाता हैं जिस पर रात में भी मौके पर पहुंची पुलिस दबंगों के आतंक का तमाशा जरूर देखती हैं किंतु मामले के 2 दिन बीत जाने के बावजूद अब तक दबंगों पर कोई कार्यवाही नहीं करती हैं। हद तो तब पार होती है जब मामले की शिकायत पीड़ित थाने पर करने जाता हैं तो जहां पर कार्यवाही के बजाय पीड़ित की तहरीर ही बदल कर 2 घंटे बाद आरोपियों को खुलेआम छोड़ दिया जाता हैं।
जिससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि नसीराबाद पुलिस के सह पर ही दबंग अपनी दबंगई पर उतारू हैं। दरअसल नसीराबाद थाना क्षेत्र के चतुर पुर गांव निवासी पीड़ित श्यामलाल पुत्र गंगा प्रसाद ने हमारे घर के सामने लगभग 40 वर्षों से एक के बाद दूसरा उसी जगह पर छप्पर रखा जाता है जिसमें गृहस्थी का सारा सामान भी रखा रहता हैं किंतु गांव के ही दबंग जगमोहन, ऊषा, ममता, इंद्राणी, छप्पर के पास कूड़ा करकट डालने लगे। जिसका विरोध करने पर दिन में दबंग इकट्ठे होकर मेरे छप्पर का पैरा हटाने लगे। जिस पर मौके पर पहुंची यूपी 112 ने दोनों पक्षों को थाने जरूर बुलाया किंतु पुलिस बुलाने से लोक गुस्सा हो रात में घटना को अंजाम देते हैं जबकि जिन दबंगों ने छप्पर में आग लगाया है उनका घर घटनास्थल से लगभग 50 मीटर दूरी पर हैं। कुछ भी पर इस पूरे मामले में नसीराबाद पुलिस द्वारा अब तक कोई प्रभावी कार्यवाही न किए जाने से अंदाजा लगाया जा सकता है कि दबंगों के मसीहा कोई और नहीं बल्कि नसीराबाद पुलिस ही बनी बैठी हैं। जिससे क्षेत्र में खुलेआम बेखौफ ढंग से दबंग आतंक मचाने में जरा भी संकोच नहीं करते हैं। अब देखना यह है कि आखिर किस प्रकार जिले के तेजतर्रार नवागंतुक पुलिस अधीक्षक दबंगों पर कार्यवाही कर पीड़ित को न्याय दिलाते हैं यह तो आने वाला समय ही बतायेगा।
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