भ्रष्टाचार पर शिकंजा कसने पर तिलमिलाये थे भ्रष्ट प्रबंधक व प्रधानाचार्य
डीआईओएस की तेजतर्रार छवि भ्रष्टाचारियों को नहीं आ रही रास, लगाये थे मिथ्या आरोप
अनुभव शुक्ला/संदीप पाण्डेय
रायबरेली। बीते दिनों आप लोगों ने कुछ शिक्षकों द्वारा जिले के तेजतर्रार व ईमानदार छवि के डीआइओएस ओमकार राणा के खिलाफ शिकायत की खबरें जरुर पढ़ी होंगी किंतु अगर मामले की सत्यता जानेंगे तो शायद आप भी चौंक जाएंगे।
दरअसल जिले के सरेनी में संचालित नर्मदेश्वर इंटर कालेज रामबाग में एक ऐसे भ्रष्ट प्रबंधक व प्रधानाचार्य जोकि लगातार वित्तीय अनियमितताओं में भ्रष्टाचार के चलते सुर्खियों में आ चुकें हालाँकि जिले के तेजतर्रार डीआईओएस ओमकार राणा ने शिकायत पर इनके भ्रष्ट कारनामों पर शिकंजा कस दिया जिससे तिलमिला कर कुछ दिनों पूर्व डीएम कार्यालय पहुंचकर उल्टा आरोप प्रत्यारोप करने लगे थे। बताते चलें कि गहरौली ग्राम सभा के ही धर्मेंद्र सिंह व जर्नल सिंह नर्मदेश्वर इंटर कालेज रामबाग में हुए भ्रष्टाचार की शिकायत किया था। जिस पर डीआईओएस ने मामले की जांच करवाना शुरू किया। नर्मदेश्वर इंटर कालेज में भ्रष्टाचार पर शिकंजा कसने पर भ्रष्ट प्रबंधक व प्रधानाचार्य इस कदर तिलमिला गए कि मिथ्या आरोप लगा मामले कि डीएम से शिकायत भी कर दी जिससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि डीआइओएस कि तेजतर्रार छवि भ्रष्टाचारियों को रास नहीं आ रही हैं।
दरअसल शिकायत मिलने पर सरेनी ब्लाक के नर्मदेश्वर रामबाग इंटर कालेज में किये भ्रष्टाचार को लेकर डीआईओएस ने मामले की जांच करवाना शुरू किया तो नर्मदेश्वर इंटर कालेज रामबाग के प्रधानाचार्य व प्रबंधक द्वारा छात्र के निधियों में किए गए भ्रष्टाचार कि पोल खुल गई। जिस पर मामले कि जांच सोशल ऑडिट टीम से करवाए जाने हेतु पत्राचार किया। जांचोपरांत परियोजना निदेशक ग्राम्य विकास अभिकरण ने बिंदुवार भ्रष्टाचार की पोल खोलते हुए विकास निधि में किये गये घपले कि धनराशि तीन लाख रुपये वापस भेजने का भी पत्राचार किया जिससे अंदाजा लगाया जा सकता हैं कि सरेनी ब्लाक के नर्मदेश्वर रामबाग इंटर कालेज के भ्रष्ट प्रबंधक व प्रधानाचार्य अपने कारनामों पर पर्दा डालने के उद्देश्य से लगातार जिले के तेजतर्रार व ईमानदार डीआईओएस ओमकार राणा की छवि धूमिल कर अपने भ्रष्ट प्रधानाचार्य व प्रबंधक अपने भ्रष्टाचारी दामन को बचाने में लगे हुए हैं। यदि सूत्रों कि माने तो सरेनी ब्लाक के नर्मदेश्वर इंटर कालेज रामबाग में ही चंद सिक्कों कि खनक में फर्जी शिक्षकों कि भी तैनाती कि गई थी। कुछ ऐसे भी शिक्षक हैं जो कि विद्यालय में कागजों पर नियुक्त जरुर हुए हैं पर कभी उनके दर्शन तक नहीं मिलते है। हो कुछ भी पर बच्चों को पढ़ाने वाले गुरुजी ने साहबों को भ्रष्टाचार के हथकंडे पढ़ाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ा।
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