जातिगत जनगणना से 97 प्रतिशत आरक्षण मुद्दे पर विवाद समाप्त होंगेः ध्रुवचन्द जायसवाल
जातिगत जनगणना से 97 प्रतिशत आरक्षण मुद्दे पर विवाद समाप्त होंगेः ध्रुवचन्द जायसवाल
अजय जायसवाल
गोरखपुर। 18 ओबीसी जातियों के एससी दर्जे की अधिसूचना हाइकोर्ट ने रद्द की उक्त आदेश अखबारों ने प्रकाशित किया इस प्रकरण पर सरकारों की अपनी रणनीति है, चर्चा करने की जरूरत नहीं है। देश में जाति-आधारित जनगणना सन् 1931 में हुई थी। दलितों व आदिवासियों की जनसंख्या 22.5 प्रतिशत थी। पिछड़ों की जनसंख्या 52 प्रतिशत थी। आरक्षण उसी को आधार मानकर 22.5 प्रतिशत आरक्षण दलितों व आदिवासियों को मिला किन्तु 52 प्रतिशत जनसंख्या होते हुए भी सिर्फ 27 प्रतिशत आरक्षण लागू किया गया है। पिछड़ों के साथ अन्याय होता आ रहा है।
भाजपा के सांसदों ने सन् 2010 में संसद में जाति-आधारित जनगणना कराने के संबंध में चर्चा हो रही थी तो हंगामा खड़ा करते हुए मनमोहन सिंह की सरकार से 2011के जनगणना के समय ही जाति-आधारित जनगणना कराने की। जोरदार ढंग से तर्क के साथ कहा था कि जाति आधारित जनगणना कराई जाय। कांग्रेस की सरकार ने जाति आधारित जनगणना कराई किन्तु प्रकाशित नहीं किया। भाजपा ने इस मुद्दे पर कांग्रेस की घेराबंदी करते हुए पिछड़ों का विरोधी भी कहा था। मोदी सरकार खुद पिछड़ों की विरोधी हो गई है एवं कांग्रेस की नीतियों पर चल रही है। उक्त बातें अखिल भारतीय जायसवाल सर्ववर्गीय महासभा के प्रदेश अध्यक्ष ध्रुवचन्द जायसवाल ने प्रेस को जारी बयान में कही। साथ ही उन्होंने आगे कहा कि 2014 में कांग्रेस सत्ता से बहुत दूर चली गई है।
सन् 2014 में भाजपा सत्ता में आई 2018 मे भाजपा के वरिष्ठ केन्द्रीय मंत्री की अध्यक्षता में बैठक हुई। 2019 के लोकसभा चुनाव के बाद 2021 के जनगणना के साथ ही जाति आधारित जनगणना कराई जायेगी किन्तु मोदी जी की सरकार अपने वादे से मुकर रही है। वर्तमान में 3 प्रतिशत जनसंख्या वाले किसी सेक्टर में 90 प्रतिशत किसी में 80 प्रतिशत, किसी में 75 प्रतिशत से 70 प्रतिशत कब्जा जमाये बैठे हैं। जैसे शिक्षण संस्थानों, स्थानों, केन्द्रीय सचिवालयों, विदेश मंत्रालय, संवैधानिक संस्थाओं में यहां तक पीएमओ आफिस में भी कब्जा जमाये बैठे है। जाति आधारित जनगणना से सबसे अधिक दोगुना लाभ पिछड़ों, वैश्यों, कमजोर तबके के सवर्ण लोगों को भी लाभ होगा। दलितों एवं आदिवासियों को भी वर्तमान समय में जनसंख्या में वृद्धि होने से आरक्षण का कोटा भी बढ़ेगा। सभी पिछड़ों भाइयों से अपील है कि जन-जन में जागरूकता अभियान चलावें अपने स्तर से मांग करते हुए अवगत करा दें। 2024 के लोकसभा चुनाव के पहले जाति आधारित जनगणना करा दें नहीं तो आप कांग्रेस से भी दयनीय हालात में पहुंचेंगे।