कांग्रेस खोजे मुखिया: बीजेपी छांटे चेहरा, चुनावी पंडित हैरान हैं कौन किसे बनाएगा मोहरा?
सूझ—बूझ से शतरंज की गोटें चलने के फिराक में कांग्रेस बड़े चेहरे पर दांव लगाने को बेताब भाजपा
दम उखड़ने के बाद भी मैदान में उतरने की फिराक में बसपा, दिलचस्प होगी रायबरेली की लड़ाई
अनुभव शुक्ला
रायबरेली। एक अनार सौ बीमार… की मुहावरें आप सब ने किताबों में बखूबी से पढ़ी होंगी। ठीक वही हालत अब रायबरेली जनपद की लोकसभा सीट की होती हुई नजर आ रही है। यहां एक लोकसभा सींट के लिए सैंकड़ों लोग दिन रात माथा-पच्ची कर रहे हैं। एक तरफ जहां दिल्ली में बैठने के बावजूद दशकों से रायबरेली की लोकसभा सीट पर कांग्रेसी परिवार का ही कब्जा रहा है जिसको बचाने को लेकर कांग्रेस पार्टी के चुनावी पंडित दिन-रात अपना सरदार चुनने के लिए इस बार जनता की नब्ज टटोलने में लगे हुए हैं। वहीं दूसरी तरफ वर्तमान में देश की सबसे बड़ी पार्टी बनी भारतीय जनता पार्टी भी रायबरेली की लोकसभा सीट पर किसी बड़े चेहरे पर दांव लगाने के मूड में आती हुई नजर आ रही है।
दरअसल कांग्रेस के अभेद दुर्ग रायबरेली की राजनीति का अध्याय सन् 1952 से जवाहर लाल नेहरू, इंदिरा गांधी, राजीव गांधी जैसे दिग्गज नेताओं की कलम से लिखी गई है। अब तक के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने जितने भी रायबरेली से लोकसभा सीट के प्रत्याशियों को उतारा है। उनमें से सिर्फ तीन को छोड़कर बाकी सभी सीटों पर कांग्रेस ने जीत की फतह हासिल किया है जिसमें भाजपा से दो और जनता पार्टी से एक राज नारायण नाम के प्रत्याशी, जिन्होंने 1977 में इंदिरा गांधी को करारी हार का मुंह दिखाया था। हालांकि 3 साल के बाद इंदिरा गांधी पुनः मैदान में उतरी और फिर रायबरेली से सांसद चुनी गई। वहीं भाजपा भी पिछले दो पंचवर्षीय से कांग्रेस के किला को ढहाने को लेकर एक से बढ़कर एक दांव पेंच लगा रही है।
वर्ष 2019 में भाजपा से वर्तमान में राज्य मंत्री दिनेश प्रताप सिंह ने लोकसभा का चुनाव लड़ा था जिसमें मिली हार के बाद भी मंत्री दिनेश प्रताप सिंह जीते हुए सांसद की तरह रायबरेली की जनता के बीच पूरे पांच साल रहे। हाल ही में समाजवादी पार्टी से बागी विधायक मनोज पांडेय का भी नाम सुर्खियों में चल रहा है। कयास लगाया जा रहा है कि बीजेपी मनोज पांडेय, मंत्री दिनेश प्रताप सिंह जैसे दिग्गज चेहरों पर दाव लगा सकती है। वहीं यदि जानकारों की मानें तो उत्तर प्रदेश की राजनीति में आखिरी सांस ले रही बहुजन समाज पार्टी पिछड़ी जाति, ब्राह्मण व मुस्लिम समाज से किसी प्रत्याशी को रायबरेली की लोकसभा सीट से उतारने के फिराक में है। हो कुछ भी किंतु यह मानना मुश्किल नहीं है कि इस बार रायबरेली के लोकसभा चुनाव में चुनावी भीषण संग्राम होना तय माना जा रहा है।
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