चैती छठ महापर्व: व्रतियों ने छठ घाटों पर लगाई आस्था की डुबकी

चैती छठ महापर्व: व्रतियों ने छठ घाटों पर लगाई आस्था की डुबकी

राकेश कुमार
रजौली, नवादा (बिहार)। मुख्यालय क्षेत्र में पावन पर्व चैती छठ पर आस्था के दीप हर घाट पर जले। छठ पूजा कमेटी की ओर से की गई घाटों की सफाई का संदेश हर गली-मुहल्ले पहुंचा, जिसने शहर व गांव को चार दिनों में स्वच्छ व पवित्र कर दिया। व्रतियों के साथ छठ गीत गा रहीं महिलाओं के जत्थे ने आसपास के माहौल को छठी मईया की भक्ति में आम लोगों को भी रमा दिया।

जिस ओर से व्रती गुजरतीं लोगों का शीश आस्था से झुक जाता। दंडवत देते हुए चल रहीं व्रतियों का पैर छूकर आशीर्वाद लेने के लिए लोग दौड़ पड़ते। ऐसा प्रतीत होता कि लोगों की पिछली बार की मनोकामनाएं तो पूरी हुईं, अब नई मनोकामनाओं के लिए दौड़ पड़ते। पहले और दूसरे अर्घ्य के लिए विभिन्न क्षेत्रों से व्रतियों का जत्था डाला के साथ घाटों पर पहुंचा। पानी पखार कर डाला के किनारे रखा गया और व्रतियों ने पहली आस्था की डुबकी लगाई।व्रतियों ने स्नान कर डूबते सूर्यदेव का ध्यान लगाया। डाला से दउरा उठाकर सूर्यदेव के नाम समर्पित किया।

अर्घ्य देने के बाद व्रती के साथ सभी महिलाएं पूजा स्थल पहुंची और धूप-दीप जलाकर माहौल को सुंगधित कर दिया। पुरोहितों ने मंत्रोच्चार कर व्रतियों के लिए देवताओं को पूजा स्थल पर आमंत्रित करने के लिए आह्वान किया। व्रतियों ने पूजा कर वापस अपने-अपने घर पहुंची। दूसरे दिन मंगलवार को अहले सुबह एक बार फिर व्रतियों के साथ महिलाओं का जत्था उगते सूर्य देव को अर्घ्य देने के लिए घाटों की ओर प्रस्थान किया। व्रतियों ने दोबारा आस्था की डुबकी लगाई। घाट पर मौजूद लोगों ने दूध और गंगाजल से दउरा लेकर सूर्यदेव का ध्यान लगा रहीं व्रतियों के आगे अर्घ्य दिया। व्रतियों ने ध्यान लगाने के बाद भींगे वस्त्र से लोगों को आशीर्वाद दिया।

पूजा स्थल पर पुरोहितों ने एक बार भी व्रतियों के लिए देवी-देवताओं का आह्वान किया। व्रतियों ने पुत्रों के सुखी जीवन और समृद्धि का वरदान मांगा। आम लोगों ने भी धूप दान कर सुख और समृद्धि मांगी। फिर पकवान और फल का प्रसाद ग्रहण किया।इसी के साथ चार दिनों तक चल रहा महापर्व छठ सम्पन्न हुआ।

मंगलवार को मन्दिरों में रही भीड़
उगते हुए सूर्यदेव को अर्घ्य देने के बाद घर पहुंचीं व्रतियों और महिलाओं ने मंदिर जाकर देवी-देवताओं की पूजा-अर्चना की। रजौली के विभिन्न मंदिरों में पूजा के लिए व्रतियों की कतार लगी थी। मंदिरों में पूजा के बाद व्रतियों ने शरबत पीकर व्रत तोड़ा। इसके बाद एक-दूसरे को सिंदूर लगाकर अखंड सुहाग बांटा। धर्नाजय नदी, राज शिवालय और अमावां का सूर्य मंदिर तालाब पर पड़ा अर्घ्य भगवान सूर्यदेव को अर्घ्य देने लिए रजौली प्रखंड में कई छोटे-बड़े नदी घाट सजे थे लेकिन व्रतियों की सबसे अधिक भीड़ रजौली शहर के धर्नाजय नदी व राज शिवालय के पास और अमावां सूर्य मंदिर तालाब के घाट पर थी। धर्नाजय नदी और राज शिवाला में व्रतियों ने भगवान सूर्यदेव को अर्घ्य अर्पित किया।

अमावां में सूर्य मंदिर तालाब में व्रतियों ने अर्घ्य दिया। धर्नाजय नदी के पास छठ पूजा की व्यवस्था मुख्य पार्षद प्रतिनिधि प्रमोद चंद्रवंशी ने पुरानी बस स्टैंड और राज शिवालय के पास राज शिवालय बीच बाजार की टीम ने की थी। यहां क्लब और टीम की ओर से लाइटिंग, गंगाजल और पूजन सामग्री की व्यवस्था थी। कई लोगों ने निजी स्टॉल लगाकर व्रतियों के बीच फल बांटा। पारण के दिन वार्ड पार्षद 4 प्रतिनिधि बब्लू पण्डित और समाजसेवी सुमित कुमार, रौशन कुमार ने व्रतियों के बीच रसगुल्ला बांटकर व्रत तुड़वाया।

सभी छठ घाटों पर सुरक्षा की थी पुख्ता व्यवस्था
रजौली के सभी छठ घाटों पर एक मजिस्ट्रेट, एक एसआई और महिला व बीएमपी के जवान मौजूद थे, जिनका मॉनिटरिंग एसडीओ आदित्य कुमार पीयूष व सहायक पुलिस अधीक्षक सह अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी रजौली विक्रम सिहाग और थानाध्यक्ष दरबारी चौधरी व विधि व्यवस्था प्रभारी नरोत्तम कुमार ने किया। सोमवार को पहले अर्घ्य के दिन शांतिपूर्ण तरीके से पर्व मनाया। किसी प्रकार की कोई घटना की शिकायत ना ही थाना में दर्ज कराया गया। मंगलवार को भी शांतिपूर्ण तरीके से महापर्व चैती छठ सम्पन्न हुआ।

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