चन्द्रवंश के 6वें पीढ़ी महाराजा यदु के पुत्रों से हैहयवंश व यदुवंश में खून का रिश्ता: ध्रुवचन्द

चन्द्रवंश के 6वें पीढ़ी महाराजा यदु के पुत्रों से हैहयवंश व यदुवंश में खून का रिश्ता: ध्रुवचन्द

कुशीनगर। जनपद में जायसवाल समाज नेबुआ नौरंगिया के सुरेन्द्र जायसवाल एवं रामप्यारे जायसवाल द्वारा कार्यक्रम का आयोजन हुआ। भगवान कार्तवीर्यार्जुन के चित्र पर माल्यार्पण कर कार्यक्रम शुभारंभ किया गया। भगवान कार्तवीर्यार्जुन के यश का गुणगान कविता के माध्यम से करते हुये कवि छक्की लाल जायसवाल प्रणामी ने बैठक की अध्यक्षता किया जहां मुख्य अतिथि अखिल भारतीय जायसवाल सर्व-वर्गीय महासभा के प्रदेश अध्यक्ष ध्रुवचन्द जायसवाल रहे। बैठक का संचालन रुदल जायसवाल ने किया।

बैठक को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि ध्रुवचन्द जायसवाल ने भगवान सहस्त्रार्जुन भगवान श्रीकृष्ण के वंशजों का विस्तार से वर्णन करते हुए चंद्रवंश के उदय का विस्तार करते हुए कहा कि माता सती अनसूया व अत्रि मुनि के पुत्र चन्द्र, दत्तात्रेय व दुर्वासा हुए। चन्द्रवंश के जनक महाराजा चन्द्र, महारानी तारा व रोहणी के पुत्र महाराजा बुद्ध की पत्नी ईला के पुत्र महाराजा पुरुरवा की रानी उर्वशी/धारणी के पुत्र महाराजा आयु की पत्नी रानी प्रभा के पुत्र महाराजा चक्रवर्ती सम्राट नहुष की पत्नी रानी बिरजा के पुत्र महाराजा ययाति की पत्नी रानी देवयानि एवं शर्मिष्ठा के पुत्र महाराजा यदु के दो पुत्रों महाराजा सहस्राद एवं महाराजा क्रोष्टु सिर्फ दो पुत्रों का वर्णन कर रहा हूं दोनों सगे भाई थे मां भी एक खून भी एक है, इसलिए वर्णन आप लोगों के बीच कर रहा हूं क्यों कि कुछ लोग मिथ्या भ्रम फैला रहे हैं

कि है-हैहयवंश एवं यदुवंश में खून का रिश्ता नहीं है जबकि महाभारत खिलभाग हरिवंश पुराण एवं श्री राजराजेश्वर कार्तवीर्यार्जुन पुराण में विस्तार से वर्णन है आप स्वजाति भाईयों को बता रहा हूं यह किस्सा कहानी या मनोहर कहानियां मे प्रकाशित किताबों में नहीं पढ़ा हूं। पुराणों वह धार्मिक ग्रंथों के आधार पर बोल रहा हूं। आगे कभी फिर कभी मौका मिलेगा तो बताऊंगा। इसी दोनों वंशजों में भगवान सहस्त्रार्जुन और भगवान श्री कृष्ण का प्रादुर्भाव हुआ है। आज भी अधिकतर चंन्द्रवंशियों की वर्तमान पहचान पिछड़ों, वैश्यों, दलितों, आदिवासी, सिख, जैन आदि अल्प संख्यक वर्ग वर्तमान है, में भी पहचान है। बड़ी संख्या 60% से 65% तक भारत में निवास करते हैं, इसलिए सत्ता में भागीदारी सुनिश्चित होगी। पिछड़ों, दलितों, आदिवासियों सहित अन्य जातियों के भी राजाओं के शासन करने का प्रमाण है।

धार्मिक ग्रंथ उपलब्ध होते ही प्रमाण सहित प्रकाशित कर दिया जाएगा अन्य जातियों के पूर्वजों के इतिहास खंगालने की जरूरत है। अपने पूर्वजों के शासन काल के स्वर्णिम इतिहास की गहन,मनन करते हुए मनुवादियों के बुने हुए मकर-जाल एवं इनके चंगुलों से बाहर निकलो अपनी ताक़त को पहचानों एवं सत्ता मे भागीदारी पाने हेतु प्रयास करें सफलता जरूर मिलेगी। बैठक को सम्बोधित करते हुए ग्राम प्रधान खजुरिया मार्कण्डेय जायसवाल ने कहा कि अब धार्मिक ग्रंथों को पढ़ने के साथ ही संविधान को भी पढ़ना चाहिए। धार्मिक ज्ञान एवं संविधान का ज्ञान होने से समाज प्रगति करेगा। राम प्यारे जायसवाल ने युवाओं को आह्वान करते हुए कहा कि युवा ही समाज को नई दिशा देने में सक्षम है। इन्हें समाज में सामाजिक, राजनैतिक जागरूक एवं धार्मिक आयोजन करने में अग्रणी भूमिका निभाने की जिम्मेदारी लेनी चाहिए। युवा प्रोफेसर सत्यानंद कुमार ने कहा कि जेएनयू की फीस मात्र 1700 से 5000 रुपए तक ही है। जेएनयू में प्रवेश करने के लिए बच्चों को तैयारी करना चाहिए सफलता जरूर मिलेगी। बैठक को मुन्ना लाल जायसवाल, शिवानन्द जायसवाल, युवा कुश जायसवाल ने भी सम्बोधित किया। इस अवसर पर ध्रुव जायसवाल, मोहन जायसवाल सहित तमाम लोग मौजूद थे।

आधुनिक तकनीक से करायें प्रचार, बिजनेस बढ़ाने पर करें विचार
हमारे न्यूज पोर्टल पर करायें सस्ते दर पर प्रचार प्रसार।

कोई भी विद्यार्थी छात्रवृत्ति से वंचित न रहे: जिलाधिकारी

ADD From Durga City Hospital And Trauma Center With Neuro ICU And Critical Care Naiganj, Prayagraj Main Road, Jaunpur Hearty congratulations and best wishes on the auspicious occasion of Dhanteras and Deepawali.

Tearful tribute on the death of former Chief Minister of Uttar Pradesh and Patron of Samajwadi, respected Mulayam Singh Yadav: Vivek Yadav (SP leader), Jaunpur

Jaunpur News: Two arrested with banned meat

Jaunpur News : 22 जनवरी को होगा विशेष लोक अदालत का आयोजन

Job: Correspondents are needed at these places of Jaunpur

बीएचयू के छात्र-छात्राओं से पुलिस की नोकझोंक, जानिए क्या है मामला

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Read More

Recent