रक्तदान है जीवनदान, समाज की भलाई समावेशन में है: मानव रक्त फाउण्डेशन
रक्तदान है जीवनदान, समाज की भलाई समावेशन में है: मानव रक्त फाउण्डेशन
बृजेश सिंह चौहान
वाराणसी। शिविर में 20 लोगों की काउन्सलिंग हुई जिसमें से 18 रक्तवीरों ने रक्तदान किया। नुक्कड़ नाटक के माध्यम से अस्सी घाट पा मौजूद लोगों को जागरूक किया गया। ‘काशी रक्तवीर अवार्ड’ वितरण समारोह में दिखा में बिखरी सतरंगी छठा। नाव(बजड़े) पे समाज के हर तबके का प्रतिनिधि रहा मौजूद-रखी अपनी बातें।
मानव रक्त फॉउंडेशन की रक्तदान जनजागरूकता मुहिम के अंतर्गत रक्तदान शिविर व जागरूकता कार्यक्रम सहित नाव पर ‘काशी रक्तवीर अवार्ड’ वितरण का कार्यक्रम अस्सी घाट पर सम्पन्न हुआ। सर सुंदर लाल हॉस्पिटल के ब्लड बैंक की टीम ने आशुतोष सिंह के सुपरविजन में एक घण्टे के अंदर 18 यूनिट रक्तदान कराया। इसके पहले कार्यक्रम की शुरुआत सायं 4:30 बजे से आरम्भ हुआ। प्रथम बार रक्तदान करने वाले युवाओं की भरमार रही। कुल 11 रक्तवीरों के प्रथम बार यह पुनीत कार्य किया।
विश्व ज्योति जनसंचार समिति के सहयोग से प्रेरणा कला मंच की टीम ने घाट पर नुक्कड़ नाटक के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण व रक्तदान के प्रति लोगों को जागरूक किया। इस दौरान तमाम प्रबुद्ध समाज सेवी पूर्वांचल भर से आकर वहां मौजूद रहे।
आकर्षण का मुख्य बिंदु वह बजड़ा ही था जिस पर प्रधानमंत्री से विहार कर चुके हैं जहां माँ गंगा की गोद में उन तमाम रक्तवीरों, रक्तसेवकों, डॉक्टर्स, समाजसेवी व कलाकारों का सम्मान किया गया।
नौका विहार की किया गया। नाव पर न केवल सभी धर्मों के प्रतिनिधि मौजूद रहे, बल्कि ट्रांसजेंडर समुदाय, नाविक समुदाय के भी प्रतिनिधियों की सक्रिय मौजूदगी रही। कार्यक्रम के आयोजक गंगोश्री हॉस्पिटल गुरुधाम (डॉ प्रदीप चौरसिया) व जेपी हॉस्पिटल ककरमत्ता ( डॉ अजय गुप्ता) भी मौजूद रहे।
हमेशा की तरह मुख्य व विशिष्टि अतिथि के रूप हमारे रक्तवीर व सम्मानित रक्तसेवक ही मौजूद रहे। मेडल, अंगवस्त्रम व ग्लूकोज का पैकेट देकर सबके प्रति आभार व्यक्त किया गया। कहने को तो यह एक रक्तदान शिविर था किंतु यहां से साम्प्रदायिक सौहार्द; लैंगिक समानता; सामाजिक समरसता व प्रकृति प्रथम का संदेश प्रसारित हुआ।
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