ट्रैक्टर चालक का हेलमेट न होने के कारण काट दिया एक हजार का चालान
जयेश बादल
ललितपुर। जनपद पुलिस के साथ-साथ जनपद की यातायात पुलिस अपने अपने कारनामों को लेकर हमेशा ही चर्चाओं में बनी रहती है। जनपद पुलिस के कारनामों की चर्चा तो पाली रेपकांड को लेकर जनपद के साथ-साथ प्रदेश देश तथा विदेशों में भी हो चुकी है, तो वहीं उसी पुलिस की यातायात इकाई पुलिस की चर्चा भी जनपद से लेकर प्रदेश मुख्यालय तक हो रही है जिसने एक ट्रैक्टर मालिक का चालान इसलिए काट दिया कि वह ट्रैक्टर चलाते समय हेलमेट नहीं लगाये हुए था।
किये गये ई-चालान पर स्पष्ट रूप से ट्रैक्टर का जिक्र है और हेलमेट का चालान काटा गया है। अब यातायात पुलिस के इस कारनामे की चर्चा जनपद के अलावा प्रदेश और देश में भी हो रही है कि यातायात पुलिस में कितनी संजीदगी है और उसे कानून का कितना ज्ञान है कि वह ट्रैक्टर पर भी हेलमेट लगाने के लिए वाध्य कर सकती है। मिली जानकारी के अनुसार करीब 1 साल पूर्व गत 4 सितंबर 2021 को 3ः56 पर यातायात पुलिस द्वारा एक एग्रीकल्चर ट्रैक्टर क्रमांक यूपी 94/यू 3041 का ई चालान काटा गया था। उक्त ट्रैक्टर के मालिक का नाम दयाल सिंह पुत्र कनई निवासी ग्राम पोस्ट जखौरा थाना जखौरा बताया गया था कि ई-चालान में यह भी जिक्र किया गया था कि ट्रैक्टर के ड्राइवर द्वारा हेलमेट नहीं लगाया गया है। उक्त चालान पर समन शुल्क के रूप में 1000 रुपये की धनराशि अंकित की गई है तथा चालन क्रमांक यूपी 10235721090415560 बताया गया है। यह चालान ट्रैक्टर के मालिक दयाल सिंह के मोबाइल नंबर पर भेजा गया था। तब से लेकर अब तक वह सैकड़ों चक्कर यातायात विभाग के लगा चुका है जिसके बाद उसे जानकारी दी गई कि उक्त चालान न्यायालय पहुंच चुका है।
जिसके बाद वह कई चक्कर न्यायालय के भी लगा चुका है लेकिन चालान का निपटारा अभी तक नहीं हो पाया है। इस चालन पर सौजन्य से प्रभारी यातायात प्रवर्तन केंद्र जिला ललितपुर भी लिखा हुआ है, इसके साथ ही चालन संबंधी नियम कायदे कानून भी बताए गए हैं और यह भी बताया गया है कि यह चालान शहरी क्षेत्र के पॉश इलाके सुभाषपुरा में किया गया है। इस मामले में जब फोन के माध्यम से ट्रैक्टर के मालिक से बात की गई तो उसने कहा कि वह अपना ट्रैक्टर लेकर ललितपुर जाता जरूर है लेकिन शहरी क्षेत्र में प्रवेश नहीं करता है। शहर के बाहर स्थित हाईवे किनारे वह गल्ला मंडी अनाज लेकर जाता है और वही से सीधा अपने घर वापस आता है, गल्ला मंडी से वह शहरी क्षेत्र में ट्रैक्टर लेकर नहीं जाता है। इसके साथ ही उसने यह भी बताया कि उसका चालान कब और कहां कट गया उसे इस बात की जानकारी तब हुई जब उसके मोबाइल पर चालान का मैसेज आया, जबकि जहां पर चालान किया गया है वह गली इतनी सकरी है कि वहां पर ट्रैक्टर पहुंचना संभव है। अब इस मामले में ट्रैक्टर मालिक द्वारा दिए गए बयान और चालान की रूपरेखा देखकर ऐसा प्रतीत होता है कि जनपद की यातायात पुलिस या तो नशे में धुत रहती है या फिर उसे नियम कायदे कानूनों का ज्ञान ही नहीं है, वह जब चाहे जहां चाहे किसी का भी चालान काट सकती है। यातायात पुलिस के लिए यह मायने नहीं रखता कि लोग चार पहिया वाहन पर बैठे हैं या दो पहिया वाहन से जा रहे हैं या फिर तिपहिया वाहन का चालान कट रहा है, उसे तो केवल चालान कटने से मतलब है। अब इस मामले में देखने वाली बात यह होगी कि न्यायालय द्वारा क्या प्रक्रिया अपनाई जाती है और कितना चालान जमा करवाया जाता है। इसके साथ ही यह भी देखने वाली बात होगी कि न्यायालय द्वारा यातायात पुलिस के खिलाफ क्या कार्यवाही की जाती है।
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