अभिमान करने से होता है पतन: आचार्य गोपाल
अभिमान करने से होता है पतन: आचार्य गोपाल
संतोष तिवारी
मैनपुरी। बिछवा विकास खंड सुलतानगंज क्षेत्र के ग्राम सहारा में चल रही श्रीराम कथा में बोलते हुए कथावाचक आचार्य गोपाल नाथ मिश्र ने कहा कि हमें कभी अभिमान नहीं करना चाहिए। अभिमान करने वाले व्यक्ति का हमेशा पतन होता है जिसके हमें शास्त्रों में कई उदाहरण मिलते हैं। उन्होंने कहा कि रावण को जब अपने बल व पराक्रम का अभिमान हो गया तो वह साधु-संतों व सज्जन व्यक्तियों को तंग व परेशान करने लगा जिससे अंत में उसका व उसके परिवार का पतन हो गया। अभिमानी पुरुष को कभी भी भगवान की कृपा नहीं मिलती है।
भगवान हमेशा निर्मल मन तथा अभिमान रहित व्यक्ति को ही भगवान की कृपा प्राप्त होती है। रावण ने अभिमान के रहते हुए पाप और अत्याचार किया जिसके कारण उसका व उसके परिवार का नाश हो गया। अभिमान होने के कारण ही भगवान की प्राप्ति नहीं हो सकती है, इसीलिए रामचरितमानस में कहा गया है। निर्मल मन के व्यक्ति को ही भगवान की प्राप्ति होती है। भगवान को छल कपट नहीं भाता है। छल कपट वाले व्यक्ति को भगवान की प्राप्त नहीं होती है।
इस अवसर पर डॉ नरेश सिंह चौहान, सुमित चौहान, रामवीर सिंह, प्रबल प्रताप सिंह, अवधेश सिंह, रत्नेश सिंह, शिववर्धन सिंह, मोहन लाल शर्मा, विकास मिश्रा, सर्वेश सिंह, जतिन, कुलदीप सिंह, अमर, हरनाथ सिंह, शहजोर सिंह के साथ सैकड़ों भक्त मौजूद थे।
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