बोर्ड परीक्षा नजदीक आते ही सलोन क्षेत्र में सक्रिय हुये नकल माफिया
छात्र-छात्राओं से सुविधा शुल्क ऐंठ स्कूल संचालक लेते हैं नकल कराने का ठेका
अनुभव शुक्ला
सलोन, रायबरेली। जिला प्रशासन कितना भी कागजों पर नकलविहीन परीक्षा कराने का दावा क्यूं न करे किन्तु हाईस्कूल व इंटरमीडिएट की परीक्षा में कोई और नहीं, बल्कि स्कूल संचालक ही नकल माफिया का किरदार चंद सिक्कों के लालच में बखूबी से निभा बच्चों के भविष्य को अंधकार में धकेलते हैं। प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी चंद दिनों में ही बोर्ड की परीक्षाएं शुरू हो जायेंगी पर अगर बात नकल विहीन परीक्षा की करें तो यह दावा सिर्फ कागजों तक ही सीमित रह जाता है।
यदि सूत्रों कि मानें तो स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों से स्कूल संचालक प्रवेश पत्र देने के पूर्व ही प्रति विषय रुपए तय कर लेते हैं जिसका वहन रसूखदार तबके के अभिभावक तो कर लेते हैं किंतु आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों के अभिभावकों को शुल्क दे पाना मील का पत्थर साबित होता है जिससे परिणाम आने के बाद कमजोर वर्ग के छात्र पढ़ने में तेज होने के बावजूद कम अंक ला पाते हैं। वहीं पढ़ने में कमजोर आर्थिक रूप से मजबूत छात्र अच्छे अंक ला जमकर वाहवाही लूटते हैं। अब देखना यह है कि प्रशासन बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ करने वाले नकल माफियों से किस प्रकार सख्ती से निपट पायेगा? यह एक सबसे बड़ा सवाल है।
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