एसडीएम साहब सदर के बाद सलोन में भी भू-माफियाओं को दे दिये छूट!
एसडीएम साहब सदर के बाद सलोन में भी भू-माफियाओं को दे दिये छूट!
अवैध कब्जों की मची है लूट, 27 बीघा में बने अवैध मकान
चारागाह की 40 बीघा भूमि पर भू-माफिया कर रहे अवैध खेती
अनुभव शुक्ला
रायबरेली। लोगों ने हाल ही में जिले की सदर तहसील में भू-माफियाओं के खिलाफ कार्यवाही देखी होगी। यह वही सदर तहसील है जहां सलोन में तैनात एसडीएम राजेंद्र शुक्ला पूर्व में तैनात थे। उस समय सदर तहसील के भू-माफिया वहां भी मलाई काट रहे थे। हाल ही में इनका तबादला कर सलोन तहसील भेजा गया किन्तु अब यहां भी भू-माफियाओं को संरक्षण देना शुरु कर दिए। हालाँकि भू-माफियाओं को संरक्षण पूर्व साहब तो देते ही थे किन्तु इनके संरक्षण में शिकायती पत्र देने के बावजूद भू-माफियाओं कोई बाल बांका नहीं कर पा रहा है।
जिले की सलोन एक ऐसी तहसील है जहां साहबों के रहमों करम से भू-माफियाओं का बोल बाला है। कूढा, डीघा, रोखा, किठावां व मटका सहित दर्जनों ग्रामसभा की सरकारी जमीनों पर साहबों के रहमो करम से भू-माफिया कहीं धान की अवैध खेती कर रहे हैं तो कहीं अवैध निर्माण कर रहे हैं। तहसील के अधिकारी लचर कार्यशैली के चलते भू-माफियाओं के सरकारी जमीनों पर अवैध कब्जा देने की प्रथा कब तक चलायेगें इसका उत्तर मिलना मुश्किल सा लग रहा है। हद तो तब पार होती है जब इस पूरे भ्रष्टाचार की लगातार खबर प्रकाशित करने के बावजूद जिले के जिम्मेदारों द्वारा आज तक अधिकारियों के संरक्षण मे सरकारी जमीनों पर हो रहे अवैध कब्जों पर कार्यवाही क्या जांच कराना भी अब तक मुनासिब नहीं समझा गया। बताते चलें कि सलोन तहसील मुख्यालय से लगभग चार किलोमीटर दूर स्थित मटका एक ऐसी ग्राम सभा जहां राजस्व अभिलेखों में दर्ज चारागाह की लगभग 67 बीघा भूमि में साहबों से सांठ-गांठ कर भूमाफिया वर्षों से खेती करते चले आ रहे हैं तथा कुछ ही वर्षों मे एक साथ कई भू-माफियाओं ने अवैध मकानों का निर्माण भी कर लिया है।
वर्तमान में भी भू-माफियाओं ने चारागाह की लगभग 40 बीघा भूमि में धान की अवैध फसल वर्तमान में लहलहा रही है। इतना ही नहीं, पिछले वर्ष से लेकर अब तक में चारागाह की ही सुरक्षित जमीनों पर कई अवैध मकानों में छत पड़ गई। हालाँकि यह कोई नई बात नहीं है। यह खेल वर्षों से चला आ रहा है जहां प्रतिवर्ष साहबों से सांठ-गांठ कर भू-माफिया लाखों रुपए की कमाई कर लेते हैं। साथ ही लेखपालों से सांठ-गांठ कर अवैध निर्माण को भी बेखौफ ढंग से अंजाम दे देते हैं। हद तो तब पार होती है जब बीते वर्ष शिकायत पर सलोन तहसील प्रशासन के अधिकारी भू-माफिया व अपना बचाव करने के उद्देश्य से बेदखली का वाद धारा 67 दायर कर खानापूर्ति कर लिये जिसमें सिर्फ कागजों पर ही भू-माफियाओं की बेदखली की गई और वर्तमान में साहबों की संरक्षण में एक बार फिर धान की अवैध फसल लहलहाने लगी। चारागाह की सुरक्षित भूमि में अवैध कब्जों को लेकर अब तक मे कार्यवाही के रूप में कई अधिकारियों के तबादले भी कर दिया गया परंतु सलोन तहसील में अधिकारी तो जरूर बदलते हैं परंतु भ्रष्ट कार्यशैली का निजाम बदलने का नाम नहीं ले रहा है जिससे तहसील क्षेत्र की सरकारी भूमि पर भू-माफिया बेखौफ हो अवैध खेती व निर्माण करते हैं।
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