स्कूल में मिड—डे—मील का भोजन खाने के बाद खुद धोने पड़ते हैं बर्तन
सुबोध कुमार
बेवर, मैनपुरी। स्थानीय विकास खण्ड के ग्राम कौआटांडा में कम्पोजिट विद्यालय के बच्चों को भोजन करने के बाद बर्तन धोने पड़ते हैं। शिक्षा के अधिकार के तहत स्कूल आने वाले बच्चों को नियमित रूप से मिड डे मील आहार देने के तौर तरीकों पर सवाल खड़े हो रहे हैं। सरकार नारा दे रही है कि पढ़ेगा इंडिया तो बढ़ेगा इंडिया लेकिन जिले के सरकारी स्कूल में मिड डे मील ग्रहण करने के बाद नौनिहालों को बर्तन धोने को मजबूर हैं। मैनपुरी जनपद के बेवर क्षेत्र के के कंपोजिट विद्यालय कौवाटांडा का है जहां बच्चे खाना खाने के बाद नल पर जाकर खुद बर्तन धुलते नजर आ रहे बच्चों का कहना कि रोजाना हम सभी लोग खाने के बाद बर्तन धुलते हैं। जहां नौनिहालों को पढ़ने के लिए स्कूल भेजते हैं, वहीं बच्चों को अपने खाने के बर्तन खुद साफ करने पड़ रहे हैं।
क्या कहते हैं प्रधानाचार्य
इस मामले में स्कूल के प्रधानाचार्य ने मिड्डे मील बनाने वालो का पक्ष लेते हुआ कहा कि बच्चों से बर्तन नहीं धुलबाये जाते हैं। आज ही बच्चे बर्तन धुल रहे हैं।
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