प्रभु श्रीराम के प्राकट्य उत्सव पर विशाल पालना शोभायात्रा का हुआ आयोजन
प्रभु श्रीराम के प्राकट्य उत्सव पर विशाल पालना शोभायात्रा का हुआ आयोजन
हमारी जीवनशैली कैसी हो, यह सीख हमें रामायण से मिलती है: डॉ. संदीप
मुकेश तिवारी
झाँसी। सनातन धर्म में नव वर्ष की शुरुआत चैत्र माह से मानी जाती है हमारे धार्मिक ग्रंथो के अनुसार चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को प्रभु श्री राम का जन्म हुआ था भगवान श्री राम सभी सनातनियों के आराध्य हैं। भगवान श्री राम को मर्यादा पुरुषोत्तम भी कहा जाता है क्योंकि उन्होंने अपने जीवन काल में कई कष्ट सहते हुए भी मर्यादित जीवन का सर्वश्रेष्ठ उदाहरण प्रस्तुत किया था। त्रेतायुग में प्रभु श्री राम ने जन्म लेकर राक्षसों का वध किया, उनके पूरे जीवन काल में माता सीता और उनके अनुज लक्ष्मण का भी महत्वपूर्ण योगदान रहा। प्रभु श्री राम के जन्मोत्सव के अवसर पर ग्वालियर रोड स्थित सिद्ध पीठ सिद्धेश्वर मंदिर से राम जन्मोत्सव पालना शोभायात्रा पालना एवं छप्पन भोग प्रसाद लेकर प्रारम्भ हुई।
यह यात्रा सिद्धेश्वर मंदिर से प्रारंभ होकर नरिया बाजार, गंधीगर टपरा, कोतवाली, सिंधी तिराहा, मानिक चौक से होते हुए श्री रघुनाथ जू सरकार मंदिर पर समाप्त हुई जहां पहुंचकर पूज्य संतों, धर्म गुरुओं, सामाजिक व राजनीतिक संगठन, व्यापारियों, हिंदू संगठनों एवं राम भक्तों द्वारा छप्पन भोग अर्पण कर आरती व प्रसादी वितरण किया गया। इस शोभायात्रा में सम्मिलित हुए समाजसेवी डॉ. संदीप सरावगी ने कहा कि हमारे देश में समय-समय पर भगवानों ने मानव अवतार लेकर पृथ्वी को अत्याचार से मुक्त किया है। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार त्रेता युग में भगवान विष्णु ने प्रभु श्रीराम का अवतार लेकर दैत्य राज रावण का वध कर बुराइयों का अंत किया। 14 वर्ष के वनवास काल में उनकी भार्या माता सीता और अनुज लक्ष्मण सहित अतुलित बलशाली पवनपुत्र हनुमान, जामवंत, सुग्रीव, अंगद, विभीषण एवं पक्षीराज जटायू जैसे कई प्रभु भक्तों ने निष्ठा के साथ अपने दायित्वों का निर्वहन किया। हमें अपना जीवन किस तरह जीना चाहिए यह सीख हमें रामायण से मिलती है। वर्तमान सरकार के प्रयासों से प्रभु श्री राम की जन्मस्थली अयोध्या में प्रभु विराजमान हो चुके हैं यह हम सभी के लिए अत्यंत हर्ष का विषय है।आधुनिक तकनीक से करायें प्रचार, बिजनेस बढ़ाने पर करें विचार
हमारे न्यूज पोर्टल पर करायें सस्ते दर पर प्रचार प्रसार।