…तो क्या नवीन परती की भूमि पर हुए अवैध निर्माण में मुकदमे तक ही सीमित रह जाएगी कार्यवाही?
…तो क्या नवीन परती की भूमि पर हुए अवैध निर्माण में मुकदमे तक ही सीमित रह जाएगी कार्यवाही
साहबों के संरक्षण में सरकारी जमीनों पर होता है अवैध निर्माण, मुकदमा चला कर देते हैं बरी
अनुभव शुक्ला
नसीराबाद, रायबरेली। एक तरफ जहां जिले की तेजतर्रार डीएम माला श्रीवास्तव के नेतृत्व में लगातार भू माफिया के खिलाफ ताबड़तोड़ कार्यवाही हो रही है तो वहीं सलोन एक ऐसी तहसील जहां भू माफिया के पीठ पर सलोन तहसील के अधिकारी स्वयं ही अपना वरद हस्त रखकर खुलेआम भूमाफियों का बचाव कर रहे हैं। जिससे प्रशासन के अधिकारियों की कार्यशैली लगातार सवालों के कटघरे में खड़ी हुई है। जी हां, हम बात कर रहे हैं नसीराबाद थाना क्षेत्र के महमदपुर डिपहा गांव का, जहां पर हाल ही में नवीन परती की सुरक्षित जमीन पर आरिफ नाम के भूमाफिया ने जिम्मेदारों से सांठगांठ कर ग्रामीणों की शिकायत करने के बावजूद ग्रामीणों की शिकायत को ठेंगा दिखाते हुए बेखौफ ढंग से अवैध निर्माण को अंजाम दिया हैं।
हालांकि खानापूर्ति करने हेतु लेखपाल रोकते रहे और भू माफिया अवैध निर्माण को अंजाम देता रहा और आज वर्तमान समय में नवीन परती की सुरक्षित जमीन पर पिलर व अवैध रूप से दिवार खड़ी हो चुकी है। ग्रामीणों का आरोप है कि उक्त नवीन परती की भूमि से सार्वजनिक रास्ता निकल कर खेत में जाता था। अवैध निर्माण होने के बाद उक्त भूमि से निकलना मील का पत्थर साबित हो रहा है। इस पूरे मामले की खबर चलने पर अपनी कुंभकर्णी नींद से जागकर आनन-फानन में भू-माफिया के विरुद्ध कथित कार्यवाही करते हुए मुकदमा भले ही पंजीकृत करवा दिया गया किंतु अब तक नवीन परती की भूमि पर भूमाफिया द्वारा किए गए अवैध निर्माण को गिरवाया नहीं गया हैं।
जिससे स्पष्ट है कि मुकदमा चलाकर भूमाफिया को पूरी तरह से बरी कर दिया जाएगा और सुबह शाम में भूमाफिया अवैध निर्माण को बखूबी से पूरा कर नवीन परती की जमीन पर भूमाफिया पूर्ण रूप से काबिज हो जाएगा। यदि ग्रामीणों की माने तो जो भू-माफिया आरिफ नवीन परती की भूमि पर अवैध निर्माण कर रहा है उसने पूर्व में भी सुरक्षित जमीन पर अवैध निर्माण कर मकान बना लिया। उसी प्रक्रिया में अब नवीन परती की भी भूमि पर अवैध कब्जा कर अपने मंसूबों में साहबों की मेहरबानी से सफल होता नजर आ रहा है। सूत्रों की माने तो इस बार भी स्पष्ट है कि प्रशासनिक अधिकारी कथित कार्यवाही का ढिंढोरा पीट मामले से अपना पीछा छुड़ा लेंगे। यह पूरा मामला क्षेत्र में एक चर्चा का विषय बना हुआ है तो वहीं दूसरी तरफ प्रशासनिक अधिकारियों के ऊपर प्रभाव प्रलोभन में भूमाफिया की पैरवी करने के भी चर्चे हैं।