बगैर लाइसेंस धड़ल्ले से चल रहे कई आरओ मिनरल वाटर प्लाण्ट
आरओ वाटर सप्लाई में नहीं दिया जा रहा मानकों का ध्यान
रूपा गोयल
अतर्रा, बांदा। आरओ मिनरल प्लांट का पानी भले कुछ देर के लिए गले को ठंडक पहुंचाने का काम कर रहा हो लेकिन यह सेहत के लिए कितना लाभदायक है इसके बारे में कोई बताने वाला नहीं है। क्षेत्र में बगैर लाइसेंस धड़ल्ले से संचालित आरओ प्लांट की शायद ही कभी जांच होती हो। मानकों को दरकिनार कर आपूर्ति किए जा रहे पानी को पीकर आमजन की सेहत बिगड़ रही है। इसके अलावा संचालक भूगर्भ जल का अंधाधुंध दोहन कर जमकर चांदी काट रहे हैं। नियम को ताक पर रखकर कस्बे में लाइसेंस बगैर धड़ल्लेसे आरओ मिनरल वाटर वाटर प्लांट का संचालन किया जा रहा है। बिना नाम, पता लिखे हजारों लीटर पानी की आपूर्ति प्रतिदिन की जा रही है।![](https://tejastoday.com/wp-content/uploads/2024/06/ADD-Faridul-Haq.jpg)
जानकारी के अनुसार कस्बा क्षेत्र में आधा दर्जन से ज्यादा आरओ प्लांट अवैध रूप से संचालित हो रहे हैं। जिम्मेदार खाद्य सुरक्षा एवं औषधि विभाग अधिकारी इस ओर ध्यान ही नहीं देते हैं। सरकारी गाइडलाइन के अनुसार प्लांट संचालकों को निजी बोर कराने के साथ लघु सिंचाई विभाग व स्वास्थ्य विभाग से समय पर अपने प्लांट की जांच करानी होती है। गर्मी बढ़ने पर बर्फ मिलाकर पानी को ठंडा कर बेचने का काम धड़ल्ले से शुरू है। कई बार लोगों द्वारा आरओ प्लांटों की जांच करने की मांग उठाई लेकिन कोई ठोस कार्रवाई न होकर विभागीय अधिकारी जांच के नाम पर औपचारिकताएं पूरी कर जिम्मेदारी से इतिश्री कर ले रहे हैं।
समाजसेवी राकेश गौतम, छात्र नेता मोहित गुप्ता, सचिन तिवारी, अभिषेक गुप्ता ने बताया कि प्लाटं संचालक लोगों की जान से खिलवाड़ हैं। लोगों ने विभागीय अधिकारियों से प्लांटों में छापा मारकर कार्रवाई की मांग की है।
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