प्रधानाचार्यों के प्रशिक्षण का हुआ समापन
राघवेन्द्र पाण्डेय
अमेठी। जन शिक्षा समिति काशी प्रदेश द्वारा आयोजित सरस्वती शिक्षा मंदिर वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय ग्राम भारती परितोष अमेठी में चल रहे काशी प्रदेश के 40 प्रधानाचार्यों के प्रशिक्षण का समापन सत्र में जन शिक्षा समिति काशी प्रदेश के प्रदेश निरीक्षक राज बहादुर दीक्षित का मार्गदर्शन सभी प्रधानाचार्य को प्राप्त हुआ। समापन सत्र पर मां सरस्वती के पूजन के उपरांत प्रदेश निरीक्षक ने बताया कि प्रधानाचार्य जहाज का कैप्टन होता है जिसकी योजना से सारे कार्य होते हैं। अनेक उदाहरण देते हुए आपने कहा कि प्रधानाचार्य अपनी वाटिका का कुशल माली भी होता है, इसके संरक्षण में तरह-तरह के पुष्प मिलते हैं। प्रधानाचार्य घड़ी का पेंडुलम होता है। यदि पेंडुलम रुक जाए तो घड़ी समय बताना बंद कर देती है। एक आदर्श विद्यालय के प्रधानाचार्य में निम्न दायित्व होना चाहिए- शैक्षणिक दायित्व, प्रशासनिक दायित्व, सामाजिक दायित्व, प्रधानाचार्य में नेतृत्व करने की क्षमता होनी चाहिए। प्रधानाचार्य को शिक्षा विभाग के सभी नियमों की जानकारी तथा अधिकारियों के संपर्क में रहना चाहिए।
विद्यालय समाज की चेतना का केंद्र होता है। दैवीय आपदा में विद्यालय द्वारा सहयोग करना एक कुशल प्रधानाचार्य का सामाजिक दायित्व है। 8 दिनों से चल रहे प्रशिक्षण कार्यक्रम के समापन के पश्चात संभाग निरीक्षक वीरेंद्र सिंह एवं कमलेश द्वारा 8 दिन के कार्यक्रमों में सतत योगदान करने वाले समस्त कार्यकर्ता के प्रति आभार व्यक्त किया। विशेष रूप से छात्रावास अधीक्षक रमाकांत त्रिपाठी सहयोगी राजेंद्र शर्मा रामनयन, विवेक शर्मा, संतोष पांडेय, संतोष मिश्र तथा प्रतिदिन भोजन निर्माण करने वाले कार्यकर्ता, समस्त कर्मचारी के प्रति आभार व्यक्त किया। आभार सभी पत्रकारों के प्रति व्यक्ति किया गया जिनके सहयोग से कार्यक्रम का प्रसार सतत होता रहा। कल्याण मंत्र के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ।
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