78 सफाईकर्मी 72 राजस्व गाँव, फिर भी साफ-सफाई का अभाव
राघवेन्द्र पाण्डेय
भेटुआ, अमेठी। अपराधी से ज्यादा दोषी, अपराधी को पनाह देने वाला होता है। कहते हैं जब कर्मचारी दायित्वविहीन आचरण करने लगे तो सरकार की कोई भी कोशिश धरातल पर फलीभूत नहीं हो सकती। कुछ ऐसा ही देखने को मिल रहा है विकास खण्ड भेटुआ में, जहाँ सरकार ने गांवों में सार्वजनिक स्थलों को स्वच्छ रखने के लिये सफाई कर्मचारियों की तो नियुक्ति कर दी परन्तु कर्मचारियों के दायित्वविहीन आचरण के चलते भेटुआ के गाँवों में सफाई कहीं नजर नहीं आती।
बता दें कि 47 ग्राम पंचायतों के विकास खण्ड भेटुआ में 72 राजस्व ग्राम हैं जबकि भेटुआ को स्वच्छ रखने के लिये सरकार ने यहाँ 73 पुरुष तथा पांच महिला कर्मियों सहित कुल 78 सफाई कर्मचारियों की नियुक्ति की है जिन पर सरकार लगभग 26 लाख रूपये महीने खर्च करती है परन्तु ग्रामीणों की माने तो उन्हें कभी कोई भी सफाई कर्मचारी गाँव में सफाई करता नजर नहीं आता।
जनता खण्ड विकास अधिकारी तथा स्थानीय प्रशासन को सफाई कर्मचारियों के इस दायित्व विहीन आचरण का जिम्मेदार मानती है। लोगों का कहना है कि यदि सरकार तथा प्रशासन दायित्वविहीन कर्मचारियों पर कठोर कार्यवाही करने से न कतराते तो खण्ड विकास अधिकारी तथा सफाई कर्मचारी के लापरवाही का यह खेल ना चलता। जनता का 26 लाख रूपये हर महीना बर्बाद न होता और भेटुआ के गांव भी स्वच्छ नजर आते।
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