कुरीतियों को पीछे छोड़कर आगे बढ़ रहीं महिलाएं
रूपा गोयल
बांदा। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर जनपद की सर्वश्रेष्ठ प्रतिबिम्ब बन चुकी और बेटियों व समाज का मार्गदर्शन करने के लिए जनपद में चुनी गई महिलाओं समाज की कुछ समाजिक कुरीतियां ने महिलाओं को पीछे छोड़ दिया है परंतु शिक्षा एक ऐसा माध्यम है जो कुरीतियों को पीछे छोड़ महिलाओं को अब स्वालम्बी आत्मनिर्भर रोजगारवान पेशेवर प्रोफेशनल शिक्षिका बन समाज में अपना प्रतिबिम्ब बन सभी को उड़ान भरने के लिए प्रेरित करती हैं। डीपीएमआई कौशल केन्द्र निदेशक डा रमाकान्त द्विवेदी ने बताया कि महिलाओं को शुखद सपने के लिए प्रधानमंत्री मोदी जी की सफल योजना बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ अभियान से महिलाओं को आत्मनिर्भर और पुरुष के साथ चलकर उनसे भी आगे बढ़ने को तैयार हैं जो अब समाज की कुरीतियों पर भारी पड़ेगा। आज की पढ़ी लिखी बेटियां समाज में एक नया आयाम गढेंगी। साथ ही समाज को नया दर्पण दिखायेगी। यह सारा परिवर्तन बेटी शिक्षा का ही परीणाम है कि आज प्रशासनिक पदों पर बड़ी ईमानदारी के साथ सेवा कार्य कर रही हैं, इसीलिए हमारा महिला सम्मान दिवस सार्थक होगा, इसीलिए समाज और अंतर्निहित मुद्दों को बदलने का सबसे अच्छा तरीका बेटियों की शिक्षा से जुड़ा है तभी जीवन के हर पहलू में महिलाओं की शक्ति को पहचानना आवश्यक है। इनकी सेवा भ्रष्टाचार मुक्त शासन प्रशासन से समाज में सेवा दे रही है। आज हम अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर जनपद की सभी उत्कृष्ट महिलाओं को नमन करते हैं।
डीपीएमआई कौशल केन्द्र अतर्रा पैरामेडिकल साइंस वोकेशनल इंस्टीट्यूट एण्ड अपोलो टेलीक्लिनिक शाखा द्वारा जनपद पर उत्कृष्ट पदों पर आसीन समाजसेवी राजनीति अभिनेत्रीयों को जनपद पर उत्कृष्ट पदों पर आसीन समाजसेवी राजनीति अभिनेत्रीयों व उत्कृष्ट खिलाड़ियों को स्टार वूमेन अचीवमेंट अवॉर्ड से सम्मानित किया। इसी कड़ी में जिलाधिकारी दुर्गा शक्ति नागपाल, महिला आयोग सदस्य प्रभा गुप्ता, बेसिक शिक्षा अधिकारी प्रिंसी मौर्या, डा. संगीता सिंह, डा नीलम सिंह, डा प्रिया दीक्षित, अदिती श्रीवास्तव, डा रिचा श्रीवास्तव, डा रेनू, मालती गुप्ता, बासू के साथ जिला कब्बड्डी एसोसिएशन, नेशनल खेली बालिका आलशिफा जिया, खुशबू आदि की सम्मानित किया गया।
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