Article चौरासी लाख योनियों का भ्रमण By Deepak Jaiswal Contact for Advertisement 7007529997 - March 4, 2025 19 चौरासी लाख योनियों का भ्रमण चौरासी लाख योनियों का भ्रमण जीवात्मा करता है, ये मान्यता है, तब कहीं इस जीवात्मा को मानव जन्म व उसका शरीर मिलता है। मनुष्य के सम कोई न जन्म है ना ही किसी प्राणी का शरीर है, परमात्मा प्रभू ने इसी शरीर को, ज्ञान इंद्रियों देकर शक्ति दी है। विचार, चिंतन कर कर्म करने की शक्ति और अद्भुत क्षमता दी है, अपने हित का सन्मार्ग चुनने की मानव शरीर को बुद्धि भी दी है। इस बुद्धि की ताक़त से कर्म और धर्म कार्य की सीख दी है, सन्मार्ग पर चलकर स्वर्ग, नर्क अपवर्ग से मोक्ष-साधना दी है। आत्मज्ञान की मीमांसा शक्ति व धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष पुरुषार्थ, परहित, परसेवा और परोपकार, आदित्य करे होकर पूर्ण निःस्वार्थ। डा. कर्नल आदिशंकर मिश्र ‘विद्या वाचस्पति’ लखनऊ आधुनिक तकनीक से करायें प्रचार, बिजनेस बढ़ाने पर करें विचारहमारे न्यूज पोर्टल पर करायें सस्ते दर पर प्रचार प्रसार। 600 बीमारी का एक ही दवा RENATUS NOVA