संविधान एवं लोकतंत्र बचाने के लिये भाजपा प्रत्याशियों को हराना होगा: ध्रुवचन्द जायसवाल
अजय जायसवाल
गोरखपुर। संविधान एवं लोकतंत्र को बचाने के लिए भाजपा प्रत्याशियों को हराना होगा तभी संविधान एवं लोकतंत्र सुरक्षित रहेगा। संविधान बदलने के मुद्दे पर बहस शुरू होते ही पिछड़े दलित आदिवासी पिछड़े वैश्य सभी अल्पसंख्यक प्रथम एवं दूसरे चरण के मतदान में इडिया महागठबंधन के पक्ष मे बड़ी संख्या में मतदान करने के संकेत मिलते ही भाजपा में बेचैनी बढ़ते ही नरेन्द्र मोदी, अमित शाह एवं नामी-गिरामी हस्तियां सफाई देते हुए नज़र आए कहा कि संविधान बदलने का कोई सवाल ही नहीं है। कहावत चरितार्थ होता दिखाई दे रहा है मन में राम बगल में छुरी। मोदी जी का नारा अबकी बार 400 पार यूं ही नहीं दिया है।
ऐसा लगता है कि भाजपा सहित उनके रणनीतिकारों ने संविधान बदलने का मंसूबा पाल रखा है। इसमें तब बल मिला जब सोची—समझी रणनीति के तहत मोदी जी का एक बहुत ही करीब व्यक्ति का लेख संविधान बदलने से सम्बंधित प्रकाशित हुआ था। अनेक तर्क दिए गये थे। तब भाजपा सहित उनके रणनीतिकारों ने कोई सफाई नहीं दिया। उक्त बातें अपना समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ध्रुवचन्द जायसवाल ने पत्र—प्रतिनिधियों से हुई वार्ता के दौरान कही।
उन्होंने आगे कहाकि भाजपा प्रत्याशियों ने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि 400 पार सीटें जीतना जरूरी है तभी संविधान बदला जा सकता है। बयान वायरल होते ही पिछड़े दलित आदिवासी अल्पसंख्यक पिछड़े वैश्य एवं देश के बुद्धिजीवी सवर्णों का लामबंद होकर इंडिया महागठबंधन के पक्ष में बड़ी संख्या में मतदान करने के संकेत मिलते ही नरेंद्र मोदी, अमित शाह सहित नामी-गिरामी हस्तियां डैमेज कंट्रोल करने के उद्देश्य से सार्वजनिक रूप से खंडन करते हुए बयान जारी किया।भाजपा का शीर्ष नेतृत्व समय रहते उक्त प्रत्याशियों का टिकट क्यों नहीं वापस लिया? जबकि उन प्रत्याशियों का बयान सोशल मीडिया में वायरल हुआ है। उसी समय संविधान बदलने वालों के विरुद्ध अनुशासनहीनता की कार्यवाही क्यों नहीं की गई? जब प्रथम एवं चरण में भाजपा को करारा झटका लगने का संकेत मिला तो आनन-फानन में सफाई देनी पड़ी। भाजपा नहीं चाहती है कि मंडल बनाम कमंडल में चुनाव तब्दील हो जाय। इसी डर के कारण एक साथ नरेन्द्र मोदी, अमित शाह, संघ प्रमुख मोहन भागवत का बयान जारी हुआ है।
श्री जायसवाल ने कहा कि लोकतंत्र की हत्या की शुरुआत हो चुकी है। चंडीगढ़ में मेयर का चुनाव में लोकतंत्र की हत्या की गई छोटी सी चूक नहीं हुई होती तो लोकतंत्र की हत्या का पर्दाफाश नहीं हुआ होता तो भाजपा लोकतंत्र की हत्या करने में सफल हो जाती। सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई। सुप्रीम कोर्ट ने गहन पूछताछ किया तो लोकतंत्र की हत्या होते होते बचा गई। दूसरी घटना गुजरात मे लोकसभा संसदीय सीट सूरत के चुनाव का मामला निर्विरोध होने पर मामला भी सुप्रीम कोर्ट में चुनौती नहीं दी गई। फैसला का इन्तजार है। लोकतंत्र में चुनी हुई सरकार नहीं चल पा रही हैं। लोकतंत्र कैसे बचेगा, यह एक गम्भीर विषय है। संविधान एवं लोकतंत्र को बचाने के लिए एक मात्र उपाय है। मोदी जी को सत्ता से हमेशा के लिए बेदखल कर दिया जाय जिससे संविधान एवं लोकतंत्र बचाया जा सके। अभी 5 चरण के मतदान होना है। भाजपा के प्रत्याशियों को बड़े मतों के अन्तर से हराना होगा।
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