पत्रकार के बहन की मृत्यु से पत्रकारिता क्षेत्र में पसरा सन्नाटा, श्रद्धांजलि सभा 30 को
देवी प्रसाद शर्मा
आजमगढ़। वाराणसी से प्रकाशित हिन्दी दैनिक समाचार पत्र के विज्ञापन विभाग में अपना महत्वपूर्ण योगदान देने वाले राजेश पाठक की बहन जो एक दशक से किडनी एवं अस्थमा रोग से ग्रसित थीं, का इलाज लखनऊ के पीजीआई में चल रहा था, वह अपने व्यस्ततम क्षण में से भी समय निकालकर चिकित्सक के परामर्श से निर्धारित समयानुसार उनकी जांच पड़ताल हेतु लखनऊ-आजमगढ़ एक कर दिये थे अचानक बहन कुसुम की हालत 18 मार्च को गंभीर हो गई। तत्काल इलाज के लिए फिर लखनऊ तो ले जाया गया था लेकिन जैसे ही वह अपने घर 19 मार्च को पटखौली में पहुंची कि इसी बीच कुछ समय बाद उनका देहावसान हो गया।
परिजनों के अनुसार कुसुम की उम्र 58 साल के आस—पास थी जिनके सभी चारों भाई पयोधी नारायण पाठक, राजेश पाठक, नीतिश पाठक एवं विनीत पाठक काफी सदमे में हैं। बहन के प्रति सभी भाइयों का समर्पण भाव इतना था कि बहन को किसकी जरुरत है तुरन्त मुहैया करा दिया जाता था। वहीं जैसे ही यह खबर पत्रकार समूह को मिली चारों तरफ अधिकारी से लेकर कर्मचारी तक उनके जानने—पहचानने वाले सभी लोग शोक प्रकट करने के लिए उनके घर पर पहुंच गये। वहां पर भारी भीड़ को देखते हुए कोई कुछ कहने की स्थिति में नहीं था।
स्थानीय लोग बताते हैं कि जिस जिम्मेदारी से अस्पताल से लेकर घर तक जहां से भी यह लगा की बहन की तबीयत में सुधार हो सकता है, हर तरह का प्रयास किया गया लेकिन विधि के विधान को कोई टाल नहीं सकता। अंततः वह इस दुनिया को अलविदा तो कह गई लेकिन चारों भाइयों का जो बहन के प्रति प्रेम था। आज के दौर में यह एक ऐसी मिसाल है जो देखने और सुनने में कम ही मिलती है, उनके घर पर शोक संवेदना व्यक्त करने वालों कि आये दिन भारी भीड़ देखी जा सकती है। बहरहाल मृत्योपरांत उनका दाह संस्कार दोहरी घाट के पवित्र स्थल मुक्ति पथ पर कर दिया गया। अब उनकी श्रद्धांजलि सभा का आयोजन 30 मार्च पठकौली गांव में किया जाएगा।
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