एक-दूसरे का फर्जी हस्ताक्षर करने वाले डॉक्टरों की कहानी

एक-दूसरे का फर्जी हस्ताक्षर करने वाले डॉक्टरों की कहानी

प्रयागराज में अलग-अलग दिनों में करते थे ड्यूटी, एसआईसी ने रोका वेतन, मांगा जवाब

एमके मिश्रा
प्रयागराज। जनपद के दो आयुष डॉक्टराें की मिलीभगत व मनमानी सामने आई है। मोती लाल नेहरू मंडलीय अस्पताल (काल्विन) के दोनों डॉक्टर अलग-अलग दिनों में ड्यूटी करते थे। जो डॉक्टर अनुपस्थित रहता था, उसका सिग्नेचर उसका साथी दूसरा डॉक्टर कर देता था। इसका खुलासा तब हुआ जब अस्पताल की SIC (प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक) ने खुद जब उपस्थिति रजिस्टर चेक किया। रजिस्टर में आयुष चिकित्सक डॉ. आशुतोष पांडेय का हस्ताक्षर कर दिया गया था जबकि वह लखनऊ में थे। मुख्य चिकित्सा अधीक्षक ने जब दूसरे आयुष चिकित्सक डॉ. पंकज जायसवाल से पूछा तो उन्होंने स्वीकार किया कि उन्होंने ही डॉ. आशुतोष का हस्ताक्षर बनाया है। एसआईसी ने फटकार लगाई और दोनों डॉक्टरों का एक माह का वेतन रोकने का निर्देश भी दिया। दोनों डॉक्टरों को नोटिस भी दी गई और स्पष्टीकरण मांगा गया है।

जानते हैं क्या है पूरा मामला
काल्विन अस्पताल में दूसरे मंजिल पर स्थित कमरा नंबर 206, यहां पर आयुष के डा. आशुतोष पांडेय व डॉ. पंकज जायसवाल की ड्यूटी है लेकिन यह दोनों एक साथ नहीं आते, दोनों लोगाें में आपसी सांठ—गांठ हैं। जो डॉक्टर जिस दिन नहीं आता, उसका हस्ताक्षर दूसरा साथी डॉक्टर चोरी से करता रहा। गुरुवार को भी कुछ ऐसा ही हुआ। डॉ. आशुतोष बिना किसी एप्लीकेशन के लखनऊ चले गए थे लेकिन उनका हस्ताक्षर रजिस्टर में कर दिया गया था।

मैडम.. गलती हो गयी, माफ कर दीजिये
अस्पताल की प्रमुख अधीक्षक डॉ. नाहिदा खातून सिद्दीकी ने आशुतोष को बुलाने के लिए एक स्टाफ भेजा तो वहां मौजूद डॉ. पंकज जायसवाल ने बताया कि डॉ. आशुतोष अपने पिता को दिखाने के लिए डॉ. यूबी यादव के यहां गए हैं। प्रमुख अधीक्षक ने कहा कि ठीक है..। उन्हें आधे-एक घंटे में अस्पताल बुलाया जाए। प्रमुख अधीक्षक ने डॉ. पंकज को बुलवाया और पूछा कि डॉ. आशुतोष का यह साइन आपने किया है? पहले तो वह चुप रहे लेकिन मैडम के सख्त तेवर को देखकर डॉ. पंकज ने सही बोल दिया और हाथ जोड़कर खड़े हो गये। बोले मैम.. माफ कर दीजिए, गलती हो गई। उन्होंने कहा कि “डॉ. आशुतोष आज लखनऊ गए हुए हैं।” प्रमुख अधीक्षक ने फटकार लगाते हुए दोनों डॉक्टरों का वेतन रोकने का आदेश दिया। इस संबंध में उन्होंने सीएमओ को भी पत्र भेज दिया।

विशेष पैरवी पर काल्विन में हुई थी तैनाती
डाॅ. आशुतोष पांडेय लंबे समय से काल्विन अस्पताल में तैनात हैं। इनके पिता डॉ. एसएन पांडेय स्वास्थ्य विभाग में ही उच्च पद पर तैनात थे और एनआरएचएम घोटाले में भी आरोपी हैं। बताते हैं कि आशुतोष यहां कई सालों से जमे हैं। इनकी तैनाती किसी के विशेष पैरवी पर इस अस्पताल में हुई थी। इनकी पत्नी लखनऊ में नौकरी करती हैं और यही कारण है कि बिना किसी सूचना के ड्यूटी छोड़कर लखनऊ में ही रहते हैं और उपस्थिति रजिस्टर में इनके साथी डॉक्टर इनका फर्जी हस्ताक्षर बनाकर इनकी नौकरी बचाते रहे।

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