सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति ने किया न्यायालय द्वार का लोकार्पण
दीपक कुमार
कैराना, शामली। मुन्सिफ़ कोर्ट के 150 वर्ष पूर्ण होने पर कैराना पहुंचे सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति पंकज मित्थल ने हाल ही में नवनिर्मित न्यायालय के शताब्दी उपरांत स्वर्ण जयंती द्वार का लोकार्पण किया। इस दौरान अधिवक्ताओं ने बार भवन में कार्यक्रम आयोजित करके उच्चतम व उच्च न्यायालयों के न्यायमूर्तियों का पुष्प मालाएं पहनाकर भव्य स्वागत किया। शनिवार को उच्चतम न्यायालय के न्यायमूर्ति पंकज मित्तल कैराना पहुंचे। जहां पर कस्बे के पानीपत मार्ग पर स्थित लोक निर्माण विभाग के गेस्ट हाउस में उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। तदोपरांत वह जनपद न्यायालय परिसर में पहुंचे। जहां पर न्यायालय द्वार पर उपस्थित जनपद न्यायाधीश अनिल कुमार एवं अन्य न्यायिक अधिकारियों ने बुके भेंट करके उनका स्वागत किया।
उच्च न्यायालय इलाहाबाद के न्यायमूर्ति ताहिर अली, मयंक कुमार जैन व जनपद शामली के प्रशासनिक न्यायमूर्ति मौहम्मद अजहर हुसैन इदरीसी भी यहां उपस्थित रहे। इसके उपरांत मुख्यातिथि के तौर पर पहुंचे न्यायमूर्ति पंकज मित्थल ने मुन्सिफ़ कोर्ट कैराना के 150 वर्ष पूर्ण होने पर विगत दिनों बनवाये गए शताब्दी उपरांत स्वर्ण जयंती न्यायालय द्वार का लोकार्पण किया। वहीं, बार भवन में अधिवक्ताओं ने पुष्प मालाएं पहनाकर अतिथि न्यायमूर्तियों का गर्मजोशी के साथ में अभिनंदन किया। न्यायमूर्ति पंकज मित्तल ने अपने संबोधन में कहा कि वकालत श्रेष्ठ एवं पवित्र पेशा है। आप दूसरे लोगो की समस्या को अपने सिर लेकर उसे न्याय दिलाते है। यही कारण है कि समाज में वकालत को सम्मान की दृष्टि से देखा जाता है। उन्होंने कहा कि परेशान व्यक्ति ही न्यायालय की शरण लेता है। ऐसे में वादकारी को न्याय दिलाना अधिवक्ता का मौलिक दायित्व बनता है। न्यायमूर्ति ने अधिवक्ताओं को पीड़ित व्यक्ति का किसी भी रूप में शोषण न किये जाने की भी नसीहत दी। इस दौरान उन्होंने अपने न्यायिक जीवन के अनुभवों को भी साझा किया। कार्यक्रम का संचालन बार महासचिव नसीम अहमद एडवोकेट ने किया। इस अवसर पर हापुड़ के जनपद न्यायाधीश मलखान सिंह, बार एसोसिएशन कैराना के अध्यक्ष ब्रह्मसिंह एडवोकेट समेत विभिन्न न्यायालय में तैनात न्यायिक अधिकारीगण उपस्थित रहे।
आधुनिक तकनीक से करायें प्रचार, बिजनेस बढ़ाने पर करें विचार
हमारे न्यूज पोर्टल पर करायें सस्ते दर पर प्रचार प्रसार।