संस्कृत सम्पूर्ण भारत की समृद्ध भाषा: प्रो. मदन मोहन झा
जय प्रकाश तिवारी
सुजानगंज, जौनपुर। संस्कृत भारत की एक समृद्ध भाषा है प्रातः काल से लेकर सायं काल तक या जन्म से लेकर मृत्यु पर्यंत तक संस्कृत समर्थित कर्म का निर्वहन किया जाता है किंतु आज आधुनिकता की चकाचौंध में समाज संस्कृत एवं भारतीय संस्कृति दोनों को भूलता जा रहा है। आज यह चिंतनीय है कि हम नास्तिक नहीं है आस्तिक होने के कारण हमें संस्कृत विद्या को आगे बढ़ाने की आवश्यकता है
उक्त विचार श्री गौरीशंकर संस्कृत स्नातकोत्तर महाविद्यालय सुजानगंज जौनपुर में संस्कृत सप्ताह उत्सव के प्रथम व्याख्यान पर केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय जम्मू परिषद के निदेशक प्रो. मदन मोहन झा ने बतौर मुख्य अतिथि के रूप में व्यक्त किया। इस अवसर पर महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. विनय कुमार त्रिपाठी ने माननीय अतिथि का स्वागत एवं धन्यवाद ज्ञापित किया। व्याख्यान ऑनलाइन होने के कारण सैकड़ों श्रोताओं ने इस व्याख्यान का श्रवण किया। इस अवसर पर महाविद्यालय के समस्त अध्यापक एवं कर्मचारी गण उपस्थित रहे।