मन्दिर निर्माण रोकने से आहत दिखे रंजीत बहादुर
गोविन्द वर्मा
बाराबंकी। मंदिर का निर्माण कार्य रोके जाने से व्यथित होकर पूर्व चेयरमैन रंजीत बहादुर श्रीवास्तव द्वारा एक प्रेस वार्ता बुलाई गई। धनोखर चक्रतीर्थ स्थित चित्रगुप्त मंदिर में पत्रकारों से मुखातिब होते हुए उन्होंने कहा कि नगर पालिका प्रशासन पूरी तरह से भ्रष्टाचार में लिप्त है। हमारे राधा कृष्ण मंदिर के निर्माण पर रोक लगा कर इनके द्वारा पक्षपातपूर्ण कार्य किया गया है। मंदिर का ढाई फीट का हिस्सा केवल नाले पर था जो कमेटी द्वारा पीछे किया जा चुका है, फिर भी इन्होंने पूरी जमीन को अपनी बताते हुए नोटिस जारी किया है। धनोखर चक्रतीर्थ के चारों तरफ बने हुए नाले पर स्थानीय लोगों ने अतिक्रमण कर रखा है जब उनसे इन्हें आपत्ति नहीं है तो फिर केवल मंदिर का निर्माण कार्य रोककर यह क्या साबित करना चाहते हैं। इनके अनुसार चित्रगुप्त मंदिर के लिए मनोज मिश्रा द्वारा जमीन दान में दी गई थी।
10 साल तक चेयरमैन रहे रंजीत बहादुर ने पटेल तिराहा से लेकर पैसार नाके तक, पूर्व मंत्री अरविंद सिंह गोप के मकान से लेकर संतोषी माता मंदिर तक, बस स्टाप से लेकर देवा ओवरब्रिज तक लखपेड़ाबाग चौराहे से लेकर पायनियर चौराहे तक बने हुए नाले का 70 प्रतिशत हिस्सा अतिक्रमण की चपेट में बताया है। उन्होंने नगर के 14 मंदिरों का निर्माण नाले पर बताते हुए कहा कि इन पर किसी को दिक्कत नहीं हुई है। विगत वर्ष पहली बरसात में नगर क्षेत्र में हुए जलभराव के लिए नगर पालिका के भ्रष्टाचार को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि इनके द्वारा महज 30 प्रतिशत नाले की सफाई कराकर पूरा पैसा हजम किया जा रहा है। पिछले वर्ष लगभग एक माह तक नगरवासियों का जीवन प्रभावित रहा। रेस्क्यू ऑपरेशन चलाकर लोगों को पानी से बाहर निकाला गया। इतना सब कुछ होने के बाद भी नगर पालिका प्रशासन अपनी कार्यशैली में कोई बदलाव नहीं लाया है। अनवरत रूप से भ्रष्टाचार जारी है। उन्होंने कहा कि हो सकता है कि पूर्व में मैं भी इस भ्रष्टाचार का हिस्सा रहा होऊ। वर्तमान चेयरमैन की कार्यशैली से यह काफी दुखी नजर आए। उन्होंने बताया कि मंदिर निर्माण कार्य को बहाल न किए जाने पर मेरे द्वारा आत्मदाह की घोषणा की गई है जिसमें अब 3 सप्ताह का समय रह गया है और मरने वाला व्यक्ति कभी झूठ नहीं बोलता है।
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