साइबर थाना प्रभारी की सक्रियता से जन सेवा संचालक का लाखों रुपया फ्रॉड से बचा
देवी प्रसाद शर्मा
आजमगढ़। अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा को लेकर जितनी लोकप्रियता देखने को मिल रही थी, उस लोकप्रियता का फायदा उठाने के लिए फ्रॉड करने वाले लोग भी तैयार बैठे थे जो लोग उनके बनाए गए जाल में फंसे तो बहुत कम ही लोग बच पाए कुछ फंसे तो सामाजिक शर्म के कारण अपनी बात दूर तक नहीं पहुंचा पाय लेकिन उन्ही में से कुछ लोग तत्काल जागरूकता का परिचय देकर बच भी गये। इसमें आस्था, विश्वास करने वाले लोगों को भी देखा गया। वहीं पर एक ऐसा वर्ग भी था जो इस राम मंदिर के बीच में फ्रॉड करने से भी चूक नहीं रहा था लेकिन भाग्यशाली भी बहुत से लोग होते हैं जो सतर्कता व्यवस्था से बच भी जाते हैं।
इसी कड़ी में अहिरौला थाना क्षेत्र के बस्ती भुजबल बाजार में जितेंद्र उपाध्याय जन सेवा केंद्र चलाने के साथ भारतीय स्टेट बैंक के माध्यम से ग्राहकों का पैसा जमा करने एवं पैसा निकालने का भी काम करते हैं जिससे उनका घर परिवार चलता है। इसी बीच अयोध्या मंदिर में प्रभु राम की मूर्ति स्थापना के समय मोबाइल रिचार्ज करने का लिंक ने रिचार्ज के नाम पर भारी नुकसान पहुंचाने का काम शुरू कर दिया था लेकिन रानी की सराय में साइबर थाना है जिनकी सतर्कता से बड़ी दुर्घटना से तो जन सेवा संचालक बच गये लेकिन साइबर व्यवस्था के कारण उनको बहुत कुछ जानकारी भी मिली आज एक ऐसा वर्ग है जो कम से कम समय में अधिक से अधिक लाभ लेने की पूरी कोशिश करता है यही वह दौर होता है जिसमें अपराधियों या फ्रॉड करने वालों के हत्थे चढ़ जाता है।
बताते चलें कि जितेंद्र उपाध्याय के मोबाइल पर भी एक लिंक आया जो अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा को लेकर के चारों तरफ मोबाइल पर लिंक जा रहा था कि रिचार्ज करायें तुरंत फ्री में इसका लाभ लें। इसके वास्तविक तह में जाने के लिए कोई सोचा भी नहीं। इसी व्यवस्था को ध्यान में रख करके उनके मोबाइल से उस लिंक पर क्लिक कर दिया जाता है जिसके साथ ही उनका मोबाइल पूरी तरह से हैक हो गया। पहले तो फेसबुक, व्हाट्सएप फिर मैसेज और फिर बाद में मोबाइल नंबर को भी हैक कर लिया गया। उसमें उनके सारे बैंक से संबंधित व्यवस्था पर भी फ्रॉड करने वालों की नजर पड़ गई और यह कार्यक्रम 20 तारीख से चल रहा था लेकिन उन्होंने सोचा कि हो सकता है सब ठीक हो जाए लेकिन लगातार उन पर मैसेज आते रहे और उनको जब लगा कि यह नंबर मेरा हैक हो चुका है तो उसमें उन्होंने सतर्कता बस जितना भी उस नंबर पर पैसा था। उसको दूसरे अकाउंट में ट्रांसफर करने के साथ ही साइबर थाना रानी के सराय से उन्होंने संपर्क किया और जब संपर्क किया तो उन्होंने पूरा मोबाइल को सर्च किया और देखा कि यह व्यवस्था कहां से चल रही है। उन्होंने तत्काल अपने हेड कांस्टेबल मनीष सिंह को बुलाया और उन्होंने काफी सूझ—बूझ से सारी व्यवस्था को फ्री कर दिया और उनसे बताया कि अगर आप इस तरह से लाभ के चक्कर में पड़ेंगे तो निश्चित रूप से हमेशा आप फ्रॉड की हत्थे चढ़ते जाएंगे और कोई कुछ नहीं कर पाएगा।
ऐसे में आपको एक ही विकल्प मिलेगा साइबर थाना और साइबर थाना तब तक काम करेगा जब तक आपके खाते में पैसा सुरक्षित है। अगर चला जाएगा तो उसके लिए आपको भारी पापड़ बेलनी पड़ सकती है। इस व्यवस्था को ध्यान में रख करके साइबर थाना प्रभारी विमल राय ने बताया कि आज के दौर में लगातार फ्रॉड से बचने के लिए मुहिम चलाई जा रही है लेकिन लोग हैं कि उस पर ध्यान नहीं दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि आज पूरे उत्तर प्रदेश में अपराध में भारी कमी आई है लेकिन डिजिटल चोरी या फ्रॉड से बचने के लिए आपको सतर्कता ही सबसे बड़ा विकल्प है, इसलिए सतर्क रहें और सुरक्षित रहे। इन बिंदुओं को ध्यान में रख करके हमेशा जागरूकता का पाठ पढ़ाने का प्रयास किया जाता है लेकिन लोग उस पर कुछ भी सीखने का प्रयास नहीं करते हैं और निश्चित रूप से वह अपराधियों के यानी फ्रॉड करने वालों के हफ्ते चढ़ जाते हैं।
साइबर थाना प्रभारी रानी की सराय विमल राय ने लोगों को सुझाव देते हुए बताया कि जो लोग ज्यादा से ज्यादा लाभ के चक्कर में पड़ेंगे। इतना ही इनामी कूपन के चक्कर में पड़ेंगे। आपके साथ साइबर की घटना होने पर आप चुप रहेंगे। 1930 नंबर पर डिजिटल ठगी या चोरी होने पर इसकी शिकायत जरूर करें। लिंक आदि के बहाने भी आप ठगे जा सकते हैं। बैंक, बिजली, लोन समझौता इन सभी फालतू मैसेज से बचने का पूरा प्रयास करें। फ्रॉड करने के बाद भी वह किसी से अपनी बात बताएंगे नहीं तो फ्रॉड करने वालों के हौसले और बुलंद होंगे। इस दौरान साइबर थाना प्रभारी विमल राय ने कहा कि जितेंद्र उपाध्याय आपने सतर्कता अपनाते हुए तत्काल यहां पर संपर्क किया जिसके कारण किसी बड़े नुकसान से बच गये।
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