विकास की धनराशि का मोटा हिस्सा हजम कर रहे अधिकारी एवं प्रधान
प्रमोद गोस्वामी
संत कबीर नगर। जिले के गांवों के विकास के लिए सरकार से मिलने वाली धनराशि का मोटा हिस्सा ब्लाक के अधिकारी और प्रधान कमीशन के तौर पर हजम कर रहे है। ब्लाक के अधिकारियों एवं कर्मचारियों के कमीशनबाजी के इस खेल के चलते गांव के विकास पर संकट के बादल मडराने लगे है। विदित हो कि गांव के चहुमुखी विकास के लिए सरकार द्वारा मनरेगा, राज्यवित्त एवं 15वां वित्त के मद में भारी भरकम धनराशि ग्राम पंचायतों को मुहैया कराई जा रही है लेकिन ब्लाक में चल रहे भ्रष्टाचार के चलते ग्राम पंचायतों को मिलने वाली धनराशि का मोटा हिस्सा अधिकारी-कर्मचारी कमीशन के तौर पर वसूल कर रहे हैं जिससे ग्राम पंचायतों में कराए जाने वाले विकास कार्यों की गुणवत्ता पर विपरीत असर पड़ रहा हा है। नाथनगर, पौली व हैंसर ब्लाक कार्यालय में व्याप्त भ्रष्टाचार पर अगर गौर करें तो अधिकारियों से लगायत ब्लाक कार्यालय के सभी अलग-अलग पटल पर तैनात ब्लाककर्मियों द्वारा उक्त सारी विकास योजनाओं के धन में से भारी हिस्सा कमीशनबाजी में हजम कर लिया जा रहा है।
ब्लाक के ग्राम प्रधानों की बातों पर अगर भरोसा करें तो मनरेगा योजना के तहत होने वाले विकास कार्यों का स्टीमेट बनाने से लेकर स्टीमेट स्वीकृति और काम पूरा होने के बाद एमबी होने तक कमीशन का खेल जारी रहता है। स्टीमेट तैयार करने से लेकर एमबी करने तक की जिम्मेदारी पूरा करने की एवज में ब्लाक के अधिकारियों कर्मचारियों के कमीशनबाजी के खेल से ग्राम पंचायतों के विकास पर मड़राने संकट के बादल लगे हैं।तकनीकी सहायक कुल स्टीमेट का 5 प्रतिशत कमीशन ले रहे है। इसी प्रकार स्टीमेट स्वीकृति की एवज में 2 प्रतिशत और एफटीओ तैयार करने के लिए 2 प्रतिशत का कमीशन खण्ड विकास अधिकारी द्वारा सभी प्रधानों से वसूल किया जा रहा है। इतना ही नहीं, काम पूरा होने के बाद भुगतान की एवज में 2 प्रतिशत कमीशन ब्लाक के एकाउण्टेंट द्वारा प्रधानों से वसूला जा रहा है। इसी प्रकार राज्यवित्त एवं 15वां वित्त के मद में भी 25 प्रतिशत से अधिक धनराशि कमीशनबाजी की भेंट चढ़ जा रही है। ग्राम प्रधानों ने बताया कि ब्लाक के अधिकारियों को कुल भुगतान की धनराशि का 10 प्रतिशत, 10 प्रतिशत सेक्रेटरी और टीए को 2 प्रतिशत कमीशन का भुगतान करना पड़ रहा है। ग्राम प्रधानों ने बताया कि इतने भारी पैमाने पर ब्लाक में चल रहे कमीशनबाजी के खेल से गांव में ईमानदारी पूर्वक विकास कराना मुश्किल हो गया है। ग्राम प्रधानों ने गांव के चहुंमुखी विकास के लिए ब्लाक से कमीशनबाजी का खेल बंद कराने की मांग उच्चाधिकारियों से की है।
इस बारे में मुख्य विकास अधिकारी ने जहां कमीशनबाजी के इस आरोप से स्वयं को अनभिज्ञ बताते हुए कहा कि अगर ऐसा हो रहा है तो ग्राम प्रधानों को इस बात की लिखित शिकायत करनी चाहिए जिससे भ्रष्टाचार के इस खेल पर लगाम लगाई जा सके। साथ ही भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारियों-कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई हो सके। कमीशन के कारण ही ग्राम प्रधान फर्जी काम कराने के लिए बाध्य होना पड़ता है जहां मजदूरों से कार्य होना है। वहीं प्रधान ट्रैक्टर और जेसीबी से कराकर पूरा करवाते हैं। कमीशन के लिए पंचायत सचिव फर्जी हाजिरी लगवाकर भुगतान कराने मे दिलचस्पी दिखाते हैं।
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