गोविन्द वर्मा
बाराबंकी। बसंत पंचमी का त्यौहार सम्पूर्ण जनपद में काफी धूमधाम से मनाया गया। महर्षि विद्या मन्दिर लखपेड़ाबाग में सरस्वती मां के प्रकटोत्सव के रूप में बसंत पंचमी का पर्व बड़े ही उत्साह पूर्वक मनाया गया। कार्यक्रम का शुभारम्भ गुरू पूजन तथा सरस्वती वंदना से हुआ। तत्पश्चात् कक्षा 7 की समृद्धि श्रीवास्तव ने सरस्वती वंदना नृत्य प्रस्तुत करके सभी का मन मोह लिया। विद्यालय के बच्चों ने बसंत पंचमी के पर्व पर अनेक रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत किये। विद्यालय के प्रधानाचार्य प्रदीप श्रीवास्तव ने ज्ञान की देवी माँ सरस्वती के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि बसंत पंचमी पर मां सरस्वती की पूजा करने वाला व्यक्ति ज्ञानवान और विद्यावान होता है। बसंत ऋतु को ऋतुराज भी कहा जाता है। बसंत ऋतु हमें नई ऊर्जा, नई चेतना और नए उमंग का एहसास कराती है। इस ऋतु का सभी जीव जन्तुओं और मनुष्यों के जीवन में विशेष महत्व है। वसंत ऋतु हमारे जीवन में एक अद्भुत शक्ति लेकर आती है। हिन्दू मान्यताओं के अनुसार इसी ऋतु में पुराने वर्ष का अंत होता है और नए वर्ष की शुरुआत होती है। इस ऋतु के आते ही चारों तरफ हरियाली छाने लगती है। सभी पेड़ों में नए पत्ते आने लगते हैं। इसी स्वाभाव के कारण इस ऋतु को ऋतुराज कहा गया है। इस ऋतु का स्वागत बसंत पंचमी के साथ किया जाता है। माँ सरस्वती का सन्देश है कि ज्ञान को निर्माण में लगाओ विनाश में नहीं। उनका सन्देश मानवता को ऊर्जा देता है। उन्होंने अपने आर्शीवचन बच्चों को दिये। बोर्ड परीक्षा में सम्मिलित होने वाले कक्षा 10 एवं 12 के छात्र-छात्राओं को विद्यालय में बुलाकर प्रधानाचार्य एवं शिक्षकों द्वारा आगामी परीक्षा हेतु जरूरी दिशा-निर्देश दिये गये।
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