महर्षि दयानन्द सरस्वती का जन्मदिवस मना
दीपक कुमार
मुगलसराय, चन्दौली। महर्षि दयानन्द सरस्वती का २००वां जन्मदिवस फाल्गुन कृष्ण पक्ष दशमी के दिन आर्य समाज मंदिर दीनदयाल नगर में संपन्न हुआ। यज्ञ में कैलाश किशोर पोद्दार सह पत्नी यजमान्त्व को धारण किया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि आयुष मंत्री उत्तर प्रदेश सरकार दयाशंकर मिश्र ने कहा कि स्वामी दयानंद ने “वेदों की ओर लौटो” साथ देश में स्वतंत्रता का मंत्र फूका और नारियों के शिक्षा पर विशेष बल दिया। मंत्री जी ने शिविर में हो रहे स्वास्थ्य शिविर का निरीक्षण किया। विशिष्ट अतिथि विधायक दीनदयाल नगर विधायक रमेश जायसवाल ने कहा कि मैंने सत्यार्थ प्रकाश का अध्ययन किया है और उसका अध्याय करने से ज्ञात होता है कि हमें अपने संस्कृति को जानना है और उसकी रक्षा करनी है तो सत्यार्थ प्रकाश पढ़ना अति आवश्यक है। विशिष्ट अतिथि के क्रम में विशाल भारत संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ राजीव गुरु ने कहा कि हम सब एक ही ईश्वर के संतान है तो सबके भीतर सहिष्णुता होनी चाहिए। आर्य समाज मंदिर के प्रधान अरुण आर्य ने कहा कि जब स्वामी दयानंद जी का जन्म हुआ था तो देश मुग़लों के ग़ुलामी के पश्चात अंग्रेजों की ग़ुलामी सह रहा था और लार्ड मैकाले ने यह घोषणा किया था कि किसी देश पर अक्ष्क्षुण राज्य करने के लिए उसकी संस्कृति को बदलना अति आवश्यक है, इसलिए उसने १८३५ में शिक्षा नीति ऐसी बनाई की भारत के लोग देखने में तो भारतीय हो लेकिन वैचारिक दृष्टिकोण से अंग्रेज इसी विचार के विरुद्ध स्वामी दयानंद ने अपनी संस्कृति को जानने एवं वेदों के प्रचार प्रसार में महती योगदान दिया। देश में स्वतंत्रता का मंत्र फूंका, बाल विवाह का विरोध किया। विधवा विवाह का समर्थन किया तथा सभी के शिक्षा पर विशेष बल दिया। हिन्दी भाषी न होते हुए भी अपनी सारी पुस्तके हिन्दी में लिखी। आर्यवीर दल के अधिष्ठाता दीपक आर्य ने वक्ता के कड़ी में आर्य वीरदल के 3 मुख्य उद्देश्य है” संस्कृति रक्षा-शक्ति संचय-सेवा कार्य। श्री आर्य ने आर्यवीर साल द्वारा नौगढ़ व सोनभद्र के सुदूर वनों में जाकर यज्ञ व शिक्षा व धर्मांतरण जैसे गंभीर विषय पर हो रहे कार्यों पर प्रकाश डाला। शिविर में २८० रोगियों का निःशुल्क परीक्षण व दवा वितरण हुआ। कार्यक्रम की अध्यक्षता राम किशोर पोद्दार एवं संचालन आर्य समाज के मंत्री त्रिभुवन नाथ त्रिपाठी ने किया। मुख्य वक्ता दामिनी आर्या की पाणिनि कन्या महाविद्यालय तथा यज्ञ का संचालन गायत्री देवी आर्या ने किया। कार्यक्रम में सावित्री आर्या, सविता आर्या, दीपक आर्य, सन्दीप आर्य, डॉ अजय आर्य, आशीष आर्य, वेद प्रकाश, ब्रजवासी जी, शीतला प्रसाद चंदेल, भरत लाल अग्रवाल, नवनीत गुप्ता, गौरव चौहान, अशोक सैनी, डॉ रूपेश गुप्ता, डॉ अभिषेक गुप्ता, डॉ सुनील आर्य, डॉ भावना आर्या, डा आनंद श्रीवास्तव, विक्की आर्या सहित तमाम लोग उपस्थित रहे।
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