Jaunpur News: साहित्य वाचस्पति डा. क्षेम की पुण्यतिथि पर कवि सम्मेलन आयोजित
जौनपुर। साहित्य वाचस्पति डा. श्रीपाल सिंह क्षेम की दशम पुण्यतिथि विकलांग पुनर्वास केन्द्र लाइन बाजार में मनाई गयी। इस मौके पर आयोजित श्रद्धांजलि समारोह में कवि सम्मेलन मुशायरे का काव्य आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ कवियित्री सुदामा पांडेय ने वाणी वंदना से की।

उन्होंने-हमारे घर हे मइया धीरे से अइह। बइठि के अंगनवां मां बीना बजइह।। पक्तियों का सस्वर पाठ किया तो वातावरण तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। इसके बाद डा. प्रमोद वाचस्पति ने हर कदम फूंक फूंककर रखना, ठोंकरे हैं बहुत जमाने में। बात ही बात में जो लोग रूठ जाते हैं, जिन्दगी बीत जाती है उन्हें मनाने में।। जैसी पंक्तियों से श्रोताओं की वाहवाही लूटी। वरिष्ठ शायर असीम मछलीशहर ने वो आंखे चार करना चाहते हैं। नजर से वार करना चाहते हैं।। जैसे शेरों से श्रोताओं का दिल जीत लिया। कवि सम्मेलन में विशिष्ट अतिथि के रूप में प्रतापगढ़ जनपद से पधारे ओज के सशक्त हस्ताक्षर डा. रणजीत सिंह ने पांव संकट में जो हैं डिगाते नहीं। व्यर्थ में यूं समय जो गंवाते नहीं।। मन है फैलाद की शांति जिनका यहां, सामने उनके तूफान आते नहीं।। जैसी अनेक कविताओं से युवाओं में जोश भरने का काम किया।
समारोह के मुख्य अतिथि डा. प्रेमचन्द विश्वकर्मा ने साहित्य वाचस्पति डा. श्रीपाल सिंह क्षेम से जुड़े विविध प्रसंगों पर प्रकाश डालते हुए उनके व्यक्तिव को रेखांकित किया। समारोह की अध्यक्षता करते हुए पं. रामकृष्ण त्रिपाठी ने डा. क्षेम के व्यक्तिव पर प्रकाश डाला। अतिथियों का अभिवादन बेहोश जौनपुरी तथा संचालन सभाजीत द्विवेदी प्रखर ने किया। इस अवसर पर राजेन्द्र सिंह, दयाशंकर सिंह, राजीव पाठक, ऊषा सिंह, विद्या देवी आदि उपस्थित रहे।