Jaunpur News : बाल विवाह एवं बाल श्रम रोकने के लिये तैयार किया गया खाका
Jaunpur News : बाल विवाह एवं बाल श्रम रोकने के लिये तैयार किया गया खाका
राष्ट्रीय दलित संगठन परिसंघ की ओर से कार्यशाला आयोजित
आनन्द यादव
जौनपुर। चाहे कुपोषण या बाल मृत्यु दर की बात हो या फिर स्कूल से ड्रॉप आउट का मसला हो, सभी मामलों में दलित समुदाय के बच्चों की संख्या अन्य समुदायों की तुलना में डेढ़ फीसदी अधिक है। राष्ट्रीय डाटा बताता है कि तमाम प्रकार के सूचकांकों में दलित समुदाय ही सबसे नीचे है। इस स्थिति से उबरने के लिए सबसे पहले इस समाज को बाल विवाह, बाल श्रम जैसे दलदल से निकालना होगा। देश में समानता और सामाजिक न्याय के लिए संघर्ष करने वाली संस्था राष्ट्रीय दलित संगठन परिसंघ (नैक्डोर) की ओर से आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला में वक्ताओं ने यह बातें कही। इस कार्यशाला का आयोजन शहर के जहांगीराबाद गूलरघाट स्थित भारतीय जन सेवा संघ के सभागार में आयोजित थी।
इस मौके पर दिल्ली से आये नैक्डोर के राजेश उपाध्याय ने कहा कि आकड़े बताते हैं कि बुनियादी शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा तक जैसे—जैसे कक्षा में बच्चे आगे बढ़ते हैं। वैसे—वैसे दलित छात्रों की संख्या तेजी से घटती जाती है जो चिंता का विषय है। कार्यशाला में मौजूद विभिन्न सामाजिक संगठनों के लोगों ने ग्रुप डिस्कशन के बाद तय किया कि बाल विवाह और बाल श्रम को रोकने के लिए किस तरह से वे 5 बिंदुओं पर काम करेंगे। वक्ताओं ने कहा कि जहां गरीबी और अशिक्षा है, वहां बाल विवाह और बाल श्रम के मामले अधिक हैं। यहां मौजूद सामाजिक कार्यकर्ताओं ने अपने इलाके की प्रेरक कहानियां भी सुनाई। कहा गया कि यही प्रेरक कहानियां समाज को बाल विवाह और बालश्रम के दलदल से निकालने में मदद करेंगी।
इस दौरान दौलत राम, रवि प्रकाश, आरपी सोनकर ने भी अपने अपने सुझाव रखे। कार्यशाला में भारती सरोज, नेहा गौतम, नीलम, नेहा पाल, रिशाला, रामजी समेत कई सामाजिक संगठनों के लोग मौजूद थे।
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