खेती में अंधाधुंध कृषि रसायनों का प्रयोग घातक: उमेश
खेती में अंधाधुंध कृषि रसायनों का प्रयोग घातक: उमेश
किसान मेले में दी गयी जैविक खेती अपनाने की सलाह
अतुल राय
दानगंज, वाराणसी। जैविक खेती किसानों को आत्मनिर्भर बनाने में सहायक है। यह आत्मनिर्भरता की ऐसी बैक्सीन है जो किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के साथ ही उनकी आमदनी बढ़ाने में भी सहायक है। उक्त बातें भाजपा के वरिष्ठ भाजपा नेता एवं पूर्व जिला महामंत्री उमेश दत्त पाठक ने सोमवार को क्षेत्र के मवईंयां गांव में कृषि विभाग द्वारा आयोजित जैविक किसान मेले में उपस्थित किसानों के बीच कही। बतौर मुख्य अतिथि उन्होंने कहा कि फसलोत्पादन में रसायनों के बढ़ते प्रयोग पर अंकुश लगाना जरूरी है क्योंकि अब विषमुक्त एवं गुणवत्तायुक्त खाद्यान्न उत्पादन करना समय की मांग है। जैविक खेती के माध्यम से किसान अपने जैविक उत्पादों का उचित मूल्य प्राप्त कर सकते हैं। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि चोलापुर के खण्ड विकास अधिकारी शिव नारायण सिंह ने किसानों से जैविक खेती अपनाने की अपील की। जनपद के उप कृषि निदेशक अखिलेश कुमार सिंह के निर्देशन में नमामि गंगे योजनान्तर्गत जैविक किसान मेले का आयोजन कृषि विभाग एवं इश एग्रीटेक के संयुक्त तत्वावधान में किया गया। कृषि विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक डा. नरेन्द्र रघुवंशी ने किसानों को जैविक खेती की नवीनतम तकनीकों पर जानकारी प्रदान की। कृषि विशेषज्ञ रामलाल विश्वकर्मा, बीटीएम देवमणि त्रिपाठी व नमामि गंगे योजना के प्रोजेक्ट हेड स्वामी शरण कुशवाहा ने किसानों को जीवामृत, बीजामृत, दशपर्णी अर्क के निर्माण व प्रयोग विधि पर विस्तारपूर्वक जानकारी प्रदान की। इस दौरान तकनीकी सहायक अनामिका, स्वाति राय, विद्याशंकर पाण्डेय, अलख नारायण सिंह, मदन मोहन चौबे, जगदीश सिंह, मनोज, विजेंद्र जंगा, मुकेश सहित भारी संख्या में किसान उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन देवमणि त्रिपाठी व धन्यवाद ज्ञापन स्वामी शरण कुशवाहा ने किया।
आधुनिक तकनीक से करायें प्रचार, बिजनेस बढ़ाने पर करें विचार
हमारे न्यूज पोर्टल पर करायें सस्ते दर पर प्रचार प्रसार।