विस चुनाव में प्रत्याशियों ने दवा से लेकर दारू तक की थी व्यवस्था
जमकर बंटे रूपये, थम गया प्रचार, कार्यालय में पूड़ी खाने का सिलसिला
अनुभव शुक्ला
रायबरेली। यूं तो विधानसभा के चुनाव का सिलसिला 5वें चरण के मतदान होने के बाद थम गया किन्तु मतदान के बाद प्रचार के बंद होने से प्रत्याशियों के कुछ ऐसे समर्थक व वोट दिलवाने वाले ठेकेदारों का चुनाव होने के बाद सारा धन्धा चौपट हो गया। जनपद के विधानसभाओं में पार्टियों के कार्यालयों पर सुबह से ही समर्थक पेट्रोल की पर्ची कटवा खर्चा ले दिन भर पार्टी का प्रचार कर शाम को कार्यालय पर ही पूडी काटते थे और तो और साथ ही प्रत्याशियों ने दवा से लेकर दारु तक की व्यवस्था करवाते थे।
गांवों में वोट दिलवाने के ठेकेदारों ने प्रत्याशियों से जमकर रुपए भी ऐंठे हालांकि ऐंठे भी क्यूं न यही सुनहरा मौका था। 5 साल में एक बार प्रत्याशियों से समर्थकों ने मजा मारा। अब जीतने के बाद विधायक जी भी जनता के रुपयों को हड़पकर मजा मारेंगे। अब देखना यह है कि जनपद में चुने जाने वाले विधायक जी साथ घूम-घूमकर प्रचार करने वाले समर्थकों का किस प्रकार ख्याल रखतें हैं। हो कुछ भी परंतु समर्थकों ने मलाई काटा चुनाव होने के बाद उनके चेहरों पर अब मायूसी साफतौर पर देखने को मिल रही है।
प्रधानों ने भी प्रत्याशियों को जमकर लूटा
यदि देखा जाए तो ग्राम प्रधानों ने भी अपने आपको वोट दिलवाने का ठेकेदार बता प्रत्याशियों से मोटी रकम ऐंठ लिए उनको शायद ये नहीं पता था कि प्रधानी और विधानसभा के चुनाव में अंतर होता है। कुछ लोगों के खुद के वोट का भरोसा नहीं था परंतु वादा सैकड़ों वोट दिलवाने की कर लिये थे। ऐसे प्रधानों से प्रत्याशी अपने आपको ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं।
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