गुजरात मॉडल फेल, मोदी विरोधी धीमी लहर चल रही: ध्रुवचन्द जायसवाल
गुजरात मॉडल फेल, मोदी विरोधी धीमी लहर चल रही: ध्रुवचन्द जायसवाल
अजय जायसवाल
गोरखपुर। गुजरात मॉडल फेल हो चुका है। देश भर में मोदी विरोधी धीमी लहर चल रही है। मोदी जी के शासन काल में बेतहाशा महंगाई, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार बढ़ी है। युवा बड़ी संख्या में बेरोजगार हैं। शिक्षा महंगी कर दी गई है। इसके अलावा अन्य समस्याएं मोदी राज में विकराल रूप धारण कर ली हैं किन्तु अभी भी उम्मीद है। यूपी मॉडल से ही नैया पार हो सकती है किन्तु मोदी जी को चुनाव की बागडोर यूपी को सौंपनी होगी। इकाई के अंक तक प्रत्याशियों को बदलना होगा, क्योंकि वे लोग चुनाव नहीं जीत सकते हैं। अगर ऐसी स्थिति रही तो भाजपा को अप्रत्याशित हार का सामना करना पड़ेगा। पहले ही संकेत दिया गया था। 16-17 फरवरी 2023 में अखबारों में प्रकाशित समाचार में हेडिंग था— गुजरात से नहीं, बल्कि यूपी मॉडल से 2024 में पार हो सकती है नैया। 15 -16 मई 2023 के समाचार पत्रों में समाचार छपा था।
हेडिंग था— यूपी मॉडल से 2024 में नैया पार हो सकती है किन्तु भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कोई संज्ञान नहीं लिया। उक्त बातें अपना समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ध्रुवचन्द जायसवाल ने प्रेस को जारी बयान में कही।
उन्होंने आगे कहा कि अगर थोड़ा भी ध्यान दिया होता तो पहले चरण में भाजपा को यह दिन देखने व सुनने की नौबत नहीं आती। वर्तमान में भाजपा के राष्ट्रीय एवं शीर्ष नेता पार्टी के निष्ठावान कार्यकर्ताओं को कोई अहमियत नहीं देते हैं एवं वरिष्ठ नेताओं ने मौन धारण कर लिया है। जिन कार्यकताओं ने 2014 एवं 2019 के लोकसभा चुनावों में सक्रिय भूमिका निभाई थी, राष्ट्रीय नेतृत्व उनकी बात सुनने को तैयार नहीं है। वर्तमान में जिन लोगों के हाथ कमान सौंपी गई है, वह ज़मीनी नेता नहीं हैं, इसलिए आज यह दिन देखने पड़ रहे हैं। स्मरण रहे कि 31 जनवरी 2024 को मोदी जी एवं अमित शाह को रजिस्ट्री पत्र ईमेल अंतिम पत्र भी भेजा था। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष सहित वरिष्ठ नेताओं एवं भाजपा के रणनीतिकारों ने कोई ध्यान नहीं दिया जिसका खामियाजा लोकसभा चुनाव के पहले चरण में ही दिखाई देना शुरु हो गया है। गुजरात मॉडल क्या है, सबको धीरे—धीरे पता चला चुका है। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के नेतृत्व में उनके गृह राज्य हिमांचल प्रदेश के विधानसभा चुनाव में भाजपा सरकार की जबरदस्त हार हुई थी। सम्मानजनक सीट तक नहीं जीता सके। भाजपा के कुशल रणनीतिकारों ने लोकसभा चुनाव की ज़िम्मेदारी जेपी नड्डा को पुनः देकर बड़ी भूल की थी। अब खामियाजा भुगतने के लिए तैयार रहे।
श्री जायसवाल ने कहा कि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं शीर्ष नेतृत्व ने भाजपा के प्रति समर्पित समाज के लोगों की उनकी जायज मुद्दों को सुनने को तैयार नहीं है तो मुद्दों को समाधान कैसे होगा, इसलिए भाजपा के समर्थक भाजपा के मुखर विरोधी होते जा रहे हैं। चाणक्य की नीति अब कारगर साबित नहीं हो पा रही है। भाजपा के चाणक्य एवं राष्ट्रीय अध्यक्ष की रणनीति असफल हो रही है। कई राज्यों मे गुजरात मांडल की छुट्टी हो गई है। अब केन्द्र से भी छुट्टी होने जा रही है।आधुनिक तकनीक से करायें प्रचार, बिजनेस बढ़ाने पर करें विचार
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