12वीं उत्तीर्ण बच्चों को कृषि शिक्षा के क्षेत्र में करियर बनाने का सुनहरा अवसर

12वीं उत्तीर्ण बच्चों को कृषि शिक्षा के क्षेत्र में करियर बनाने का सुनहरा अवसर

देवी प्रसाद शर्मा
आजमगढ़। इण्टर की परीक्षाओं में उत्तीर्ण सभी विद्यार्थियों तथा उनके अभिभावकों को आगे की शिक्षा किस क्षेत्र में प्राप्त करें इसकी चिंता लगी होगी होनी भी चाहिए, क्योकि आप सभी ही ‘नए उत्तर प्रदेश‘ का स्वर्णिम भविष्य हैं। 12वीं कक्षा के विद्यार्थियों के जीवन का एक महत्वपूर्ण पड़ाव है। 12वीं के बाद आपको अपना करियर बहुत सोच समझ कर चुनना होता है। करियर के साथ शैक्षणिक संस्थायें जहॉ आप अगली कक्षाओं में प्रवेश लेंगे, यह भी बहुत महत्वपूर्ण है। अपनी पसन्द व क्षमता के अनुरूप पठन-पाठन का विषय व उस विषय की पढाई हेतु शैक्षणिक संस्थान (विश्वविद्यालय या महाविद्यालय) का विवेकपूर्ण चयन आपके जीवन को सही दिशा प्रदान करता है। आपमें से कुछ विद्यार्थी मेडिकल का क्षेत्र चुनेंगे, कुछ इंजीनियरिंग को चुनेंगे कुछ सीधे-2 विज्ञान या सोशल साइंस को ग्रेजुऐशन में चुनेंगे, इसी कड़ी में कृषि विज्ञान भी एक विषय है जिसे चुनकर विद्यार्थी एक अच्छा अवसर प्राप्त कर सकते हैं।

मानव जीवन के प्रारंभ से ही कृषि का क्षेत्र महत्वपूर्ण रहा है, क्योंकि कृषि उत्पादन से ही हमें भोजन की प्राप्ति होती है। यदि बात करें कृषि में प्रगति की तो पिछले 60-70 वर्षों में कृषि के क्षेत्र में आशातीत प्रगति हुई है। इसके फलस्वरूप बढ़ा कृषि उत्पादन न सिर्फ देश की 140 करोड़ जनसंख्या का पेट भरने के लिए पर्याप्त है बल्कि अन्य देशों को निर्यात भी कर रहे है। आज हमारा देश बहुत से कृषि उत्पादों के उत्पादन में विश्व स्तर पर प्रथम स्थान रखता है। अब आवश्यकता है कि कृषि उत्पादन बढ़ाने के साथ ही उत्पादों की गुणवत्ता भी सुनिश्चित की जाये जिससे मानव स्वास्थ्य बेहतर हो व साथ ही पर्यावरण भी सुरक्षित हो सके। आज के परिवेश में दूसरी सबसे अधिक आवश्यकता है कृषि में उद्यम स्थापना की जिससे ग्रामीण युवा बेरोजगारों को अपने गाँव में ही आय और रोजगार के साधन मुहैया हो सके।
विगत दशकों में कृषि का क्षेत्र विभिन्न कारणों से उपेक्षित रहा है तथा कृषि कार्य में लगे लोगों को यथोचित सम्मान नहीं मिला परन्तु पिछले दशक से कृषि में उद्यमिता स्थापित करने का प्रचलन बढ़ा है। इस क्षेत्र में न केवल कृषि के ग्रामीण परिवेश के छात्र, बल्कि शहरी छात्र व बड़ी निजी कंपनियां और स्टार्ट अप भी आगे आ रहे हैं। देश के विकास में कृषि शिक्षा और अनुसन्धान में बढ़ती संभावनाओं को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। कृषि के क्षेत्र में छात्रों की अच्छी शिक्षा, अनुसन्धान व दक्षता अभिवृद्धि हेतु राष्ट्रीय व प्रदेश स्तर पर 5 कृषि विश्वविद्यालय संचालित हैं जिनमें प्रवेश परीक्षा के माध्यम से प्रवेश दिया जाता है।
सरदार वल्लभ भाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय, मेरठ के कुलसचिव प्रो० रामजी सिंह ने बताया कि राज्य कृषि विश्वविद्यालयों में छात्रों का प्रवेश प्रदेश स्तरीय संयुक्त प्रवेश परीक्षा (यूपीकैटेट) के माध्यम से होता है। इस वर्ष यूपीकैटेट 2024 प्रवेश परीक्षा का आयोजन कृषि विश्वविद्यालय मेरठ द्वारा ही कराया जा रहा है जिसमें आवेदन 17 मार्च से ही प्राप्त किये जा रहे हैं तथा आवेदन की अंतिम तिथि 7 मई है। उन्होंने बताया कि विद्यार्थियों में सूचना के अभाव में ज्यादातर छात्र इस परीक्षा को देने से वंचित रह जाते हैं जिससे उनके हाथ से एक सुनहरा अवसर छूट जाता है। विशेषकर यदि पूर्वी उत्तर प्रदेश के गॉव व शहरी क्षेत्र की बात करें तो इस क्षेत्र में छात्रों एवं अभिभावकों में कृषि शिक्षा के प्रति जागरूकता की कमी है।
इंटरमीडिएट विज्ञान अथवा कृषि में उत्तीर्ण छात्र बीएससी (कृषि) अथवा अन्य समकक्ष पाठ्यक्रम जैसे बागवानी, वानिकी, कृषि अभियंत्रण, खाद्य व दुग्ध प्रौद्योगिकी, पशु चिकित्सा विज्ञान, गृह (सामुदायिक) विज्ञान, मत्स्य विज्ञान व गन्ना प्रौद्योगिकी में प्रवेश ले सकते है। कृषि विज्ञान केंद्र कोटवा के वैज्ञानिक डॉ रुद्र प्रताप सिंह ने बताया कि उत्तर प्रदेश में वर्तमान में कुल 5 राज्य कृषि विश्वविद्यालय संचालित है। इन विश्वविद्यालयों में शिक्षा और अनुसन्धान का स्तर अन्य किसी भी विश्वविद्यालयों व महाविद्यालयों से बेहतर होता है तथा साथ ही छात्रों को विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी की जानकारी और अच्छा शैक्षणिक माहौल भी मिलता है। यदि कृषि के क्षेत्र में नौकरी की बात करें तो आज भी कृषि के क्षेत्र में अन्य क्षेत्रों की तुलना में अपार संभावनाएं हैं परन्तु इसके लिए शिक्षा संस्थान जहाँ से शिक्षा ली गई है बेहद मायने रखता है।
कृषि विश्वविद्यालयों में बीएससी (कृषि), एमएससी (कृषि) व पीएचडी करके प्रशासनिक पदों के साथ ही कृषि सहित अन्य सम्बंधित विभागों मे अधिकारी व कर्मचारी के रूप में चयनित हो सकते हैं। साथ ही उच्च शिक्षा प्राप्त कर विभिन्न राष्ट्रीय व अन्तर्राष्ट्रीय संस्थानों में वैज्ञानिक, महाविद्यालय व विश्वविद्यालयों मे सहायक प्राध्यापक आदि पदों पर भी चयनित हो सकते हैं। इसके अतिरिक्त बैंकों व अर्ध सरकारी कंपनी तथा निजी कंपनियों में भी कृषि के छात्रों को अच्छी नौकरी मिलती है।
डॉ सर्वेश कुमार सहायक प्राध्यापक श्री दुर्गा जी स्नातकोत्तर महाविद्यालय चण्डेश्वर ने बताया कि पूर्वांचल में अभी भी लोगों की जागरूकता कृषि शिक्षा में कम है जबकि पूर्व के दशकों में यह क्षेत्र अत्यंत उर्वर रहा है। हाल ही में अधीनस्थ सेवा चयन आयोग से वरिष्ठ प्राविधिक सहायक के पद पर चयनित डॉ मुलायम यादव ने बताया कि ग्रामीण छात्र एवं छात्रों को कृषि के छात्र में एक अच्छा अवसर है। वह केंद्र सरकार, राज्य सरकार, बैंक, अर्ध सरकारी, निजी संस्थान आदि में तो नौकरी पाते ही हैं साथ ही स्टार्ट अप स्थापित कर सकते हैं। आचार्य नरेन्द्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय कुमारगंज अयोध्या में अध्ययनरत शोध छात्रा रुपाली सिंह ने बताया कि ग्रामीण छात्राओं के लिए भी कृषि विश्वविद्यालयों से शिक्षा ग्रहण करना एक बेहतर विकल्प है। यहाँ से शिक्षा और प्रशिक्षण प्राप्त करके ग्रामीण व शहरी युवा भी कृषि के विभिन्न क्षेत्रों में उद्यम स्थापित करके न केवल अपना भविष्य उज्जवल कर सकते हैं, बल्कि अन्य लोगों को आय एवं रोजगार के साधन मुहैया करा सकते है।

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