पशु अस्पताल न होने की वजह से नहीं हो रहा पशुओं का इलाज
पशु अस्पताल न होने की वजह से नहीं हो रहा पशुओं का इलाज
रूपा गोयल
पैलानी, बांदा। खपटिहा कलां कस्बे में बने पशु अस्पताल के जर्जर भवन में किसी भी प्रकार का कोई डॉक्टर या इलाज ना हो पाने की वजह से 10 गांव के किसानों के पशुओं की लंबी बीमारी होने की वजह से उनका इलाज नहीं हो पा रहा है। मजबूरी बस लोग प्राइवेट डॉक्टर से अपने जानवरों का इलाज करवाने के लिए विवश देखे जाते हैं यहां पर ना तो पशुओं का इलाज है ना ही कृत्रिम गर्भाधान की व्यवस्था है पशु अस्पताल वर्षों से टूटा एवं जर्जर पड़ा हुआ है जिसकी देखरेख करने वाला आज तक कोई नहीं आया और ना ही यहां किसी भी प्रकार के डॉक्टरों की कोई व्यवस्था है और ना ही कोई इलाज है यहां से 15 किलोमीटर दूर पैलानी में लोग अपने जानवरों को इलाज के लिए लेकर आते जाते हैं। वहां भी डॉक्टर कभी-कभी मिल पाते हैं। ऐसी स्थिति में किसानों के जानवर के इलाज की कोई व्यवस्था न होने से वह समय से पहले ही मौत के मुंह में समा जाते हैं कस्बे के ग्रामीणों ने बताया की खपटिहा कलां, अलोना, साड़ी, खरेई , पपरेंदा, अतराहट, निवाइच, पिपराहरी, रेहुटा, अमलोर, आदि गांव में कोई पशु अस्पताल नही है जिससे क्षेत्र का पशुपालक परेशान रहता है मांग किया है कि जिले की सबसे बड़ी आबादी वाले इस कस्बे में एक पशु अस्पताल की विशेष आवश्यकता है और यहां पर डॉक्टर की नियुक्ति किया जाना भी जरूरी है यहां के किसान अनपढ़ एवं प्राइवेट डॉक्टर से हजारों रुपया फूंक देने के बावजूद भी अपने जानवरों को मौत के मुंह से नहीं बचा पाते हैं। बता दें कि इस क्षेत्र में दूर-दूर तक पशुओं के इलाज के लिए कोई भी अस्पताल नहीं है जिसकी वजह से यहां के पशुपालकों को भीषण परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
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