शासन की नीति को पलीता लगा रहा सामुदायिक शौचालय और नन्दघर केन्द्र
राघवेन्द्र पाण्डेय
अमेठी। भेटूआ ब्लॉक की ग्राम पंचायत मनीरामपुर में शासन के निर्देशानुसार लाखों रुपए खर्च करके सामुदायिक शौचालय का निर्माण हुआ है लेकिन शौचालय का क्या मतलब होता है। जब पानी की व्यवस्था ही न हो तो भ्रष्टाचार इस तरह से व्याप्त है कि 5 मीटर की दूरी पर नंद घर का भी निर्माण हुआ है।
वहां पर भी पानी की कोई व्यवस्था नहीं है। क्या जिम्मेदार अधिकारी की नजर इस अव्यवस्था पर नहीं पड़ती है या नजर डालना ही नहीं चाहते? बस शासन को पलीता लगाने के लिए केवल सरकारी पैसे की बंदरबांट होती रहती है। सामुदायिक शौचालय तथा नंद घर का निर्माण हुए लगभग 2 वर्ष बीत चुका है।
अधिकतर तो सामुदायिक शौचालय केंद्र में ताला लगा रहता है लेकिन अभी तक किसी भी जिम्मेदार अधिकारी की नजर इस पर नहीं पड़ी और न ही कोई जिम्मेदारी निभाने को तैयार है। इस दौरान ग्राम प्रधान मनीरामपुर से हुई भेंट में उन्होंने कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया।
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