महाशिवरात्रि के लिये दुल्हन की तरह सजा हथियाराम मठ
उग्रसेन सिंह
जखनियां, गाजीपुर। जिला मुख्यालय से लगभग 40 किलोमीटर पश्चिम सिद्ध पीठ श्री हथियाराम मठ के पवित्र प्रांगण में काशी के विद्वान आचार्य द्वारा शिवरात्रि के पूर्व संध्या पर भगवान शिव की पूजन अर्चन का कार्य प्रारंभ सिद्ध पीठ हथियाराम के पिठाधिपति पूज्य गुरुदेव भगवान के सानिध्य में गुरूवार से प्रारंभ होकर शिवरात्रि के दिन 12 बजे हवन पूजन का कार्यक्रम समाप्त किया जाएगा। मीडियाकर्मियों ने महाराज से शिवरात्रि के महत्ता को जानने की कोशिश कि तो उन्होंने बताया शिवरात्रि के रात्रि में चतुर्दिक पूजा होगी त असंख्य शिवलिंग बनाकर काशी के प्रकांड विद्वानों द्वारा पूजन अर्चन पूरी रात भर चलेगा। महाराज जी से पूछे जाने पर यहां आने जाने वाले शिष्यों की संख्या लगभग कितनी होगी महाराज जी ने बताया कि लगभग 20000 की संख्या रात्रि में पूजन का श्रवण पान करेगी। सुबह महाप्रसाद के बाद प्रसाद पाकर 9 मार्च को अपने गंतव्य को जायेंगे। बता दें कि यहां शिवरात्रि के दिन दूर-दूर से श्रद्धालुओं के आने की आशंका है। वैसे तो महाशिवरात्रि का पर्व पूरे विश्व में मनाया जाता है। कुछ ऐसे मुस्लिम देश हैं वहां पर भी शिवरात्रि का पर्व बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। उन्होंने बताया कि शिवरात्रि के दिन ही माता पार्वती और देवाधिदेव भगवान शिव का विवाह हुआ। प्रभु भोलेनाथ के विवाह के फल स्वरुप कार्तिकेय और गणेश भगवान की उत्पत्ति हुई जिसके द्वारा अताताइयों का सर्वनाश हुआ। पूज्य महाराज जी से पूछे जाने पर की शिवलिंग मिट्टी का ही क्यों बनाया जाता है। पूज्य महाराज ने उदाहरण स्वरूप बताया कि श्रीराम सोने की लंका जीत कर आए और रामेश्वरम में मिट्टी के शिवलिंग बनाकर भगवान भोलेनाथ की स्थापना की अगर वह चाहे होते तो लंका तो सोने ही की थी। सोने का शिवलिंग बनाकर पूजन करते। इस बीच पूज्य महाराज के आदेशों का अक्षरशः पालन करने वाले रणजीत सिंह ग्राम मंझनपुर कला द्वारा भी शिवरात्रि के महत्व को जाना गया।
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