गर्भवती महिला को पैसों के लालच में आशा बहू ने जिला अस्पताल से कराया रेफर
पीड़ित ने जिलाधिकारी से लगायी न्याय की गुहार
रूपा गोयल
बांदा। गरीब के लोगों के स्वास्थ्य से खुलेआम खिलवाड़ किया जा रहा है। जिला अस्पताल जैसे व्यस्ततम स्थान से गरीबों से जबरन पर्चा छीनकर उनको प्राईवेट अस्पताल ले जाकर उनका उत्पीड़न केवल कमीशन के चक्कर में आशा बहू द्वारा कराया जा रहा है। पीड़ित ने जिलाधिकारी को शिकायती पत्र देकर कार्यवाही की मांग की है।
डीएम को दिए शिकायती पत्र में पीड़ित जगमोहन ने बताया है कि वह अपनी पत्नी को मरीज शीलू सिंह निवासी हलमुकाम कालू कुवां बांदा जिला अस्पताल बांदा डिलीवरी कराने हेतु लाए थे। तब हालत ठीक थी पर्चा कटवाकर मरीज को अपने निजी वाहन से उतारने लगे। तभी अचानक एक महिला आई जो अपने आप को आशा बताया। पर्चा हाथ से खींच लिया और थोड़ी देर तक इधर उधर जानबूझकर घूमती रही। ओपीडी से डाक्टर उठने के बाद बोली कि आप लोग गरीब हैं आपकी ज़िला अस्पताल में कोई नहीं सुनेगा इसलिए यहां न भर्ती कराएं यहां से रेफर कराकर मेडिकल कालेज ले चलो वहां एक डाक्टर मेरे जान पहचान की है। मैं वहां पर सस्ते में सब करवा दूंगी। किसी से फोन पर बात करने लगी कहा कि अभी इनके पास 15 हैं। बाकी थोड़ा बहुत बाद में दे देंगे कहकर मेडिकल कॉलेज में पर्चा कटाया व खुद इधर उधर जानबूझकर घुमाती रहीं। थोड़ी देर बाद सूत्रों की माने तो आशा बहू गोमती ने अपने को डाक्टर नीलम सिंह का खास बताया व मेडिकल कालेज में मिलवाया। डा. नीलम ने कहा कि मैं मरीज को यहां नहीं देखूंगी आप लोग मुझे प्राइवेट में नंदराज हास्पिटल चिल्ला रोड बांदा में दिखा दीजियेगा। अभी आपका मरीज ठीक है। नार्मल डिलीवरी हो जाएगी। बहुत कम खर्चे में इलाज कर दूंगी। इसके बाद हमको आशा द्वारा नंदराज हास्पिटल चिल्ला रोड बांदा में भर्ती कराया गया वहां पर हमने कहा कि डाक्टर साहब नॉर्मल डिलीवरी में कितना खर्च आएगा। बताया कि दवा सहित पूरा खर्च मिलाकर 15 हज़ार जमा कर दीजिए। हमने जमा करा दिया एक घंटे बाद कहा गया कि बच्चे ने पेट में लैट्रिन कर दिया है तुरन्त आपरेशन करना होगा और पैसे लगेंगे। हमने कहा कि आप रेफर कर दीजिए हम सरकारी अस्पताल में में ले जा रहे हैं तो डाक्टर ने कहा कि ठीक है इस कागज़ पर साइन कर दीजिए कि मेरा मरीज बहुत सीरियस है रास्ते में कुछ भी होता है तो हमारी जिम्मेदारी होगी। अपने पास खड़ी नर्स को चिल्लाकर अंग्रेजी में किसी इंजेक्शन का नाम बताया। बोलीं कि जाकर लगा दो तब इनको पता चल जाएगा कि किससे पाला पड़ा है। हम लोग डर सहम गए थे मजबूरी बस जहां कहा हस्ताक्षर कर दिया व डाक्टर साहब ने कहा कि आप लोगों को अब 35 हज़ार रुपए लगेंगे यदि खून चढ़ाया जाता है तो हम उसका 10 हज़ार रुपए अलग से चार्ज करते हैं।
तीन दिन बाद जब बिल दिया गया तो कुल 48 हज़ार रुपए जमा करने की बात हुई जबकि न हमारे मरीज को खून की जरूरत पड़ी न ही चढ़ाया गया बिल में बच्चे को एनआईसीयू में भर्ती कराने हेतु चार्ज किया गया है जबकि हमारे बच्चे को मेडिकल कालेज में भर्ती कराया गया था जिसके कागज़ भी हैं। डाक्टर से बात करने पर गाली गलौच, अभद्रता मरीज का बेल्ट तोड़ देने जैसी घटनाएं डाक्टर व स्टाफ द्वारा की गई जिसकी फोटो वीडियो भी सीसीटीवी कैमरे में मौजूद है। पीड़ित ने अपने मरीज को ले जाकर सतना के एक प्राइवेट अस्पताल में इलाज कर रहा है पीड़ित ने बताया कि नंदराज हॉस्पिटल में पीड़ित से पहले 15000 जमा कराए गए इसके बाद 48000 फिर 32 रुपए दवा का लिया गया। इसी तरह से पैसे लिए गए और बाद में बदतमीजी भी की गई है और जब सतना में डॉक्टर को दिखाया गया तो उनके द्वारा बताया गया कि टांके खींचने से अंदर सड़न हो गई है जिससे मरीज भी गंभीर है जिसका इलाज सतना में चल रहा है। पीड़ित ने बताया कि उक्त डॉ. नीलम सिंह के पति द्वारा कहा गया कि हमारे रिश्तेदार जनप्रतिनिधि और हमारे पत्नी के घर में एसपी और सीओ हैं। तुम हमारा कुछ भी नहीं कर सकते हो। पीड़ित ने उक्त लोगों पर कानूनी कार्रवाई करने की मांग की है। वहीं दिनांक 22/3/2024 को मरीज के तीमारदार से फोन के द्वारा बात की गई तो उन्होंने बताया कि मरीज की तबीयत अभी भी ठीक नहीं है वह मरीज के टांके बुरी तरीके से पक गए हैं। इसके बाद 16 मार्च को एक अस्पताल में मरीज को दिखाया गया है। डाक्टर ने बताया कि टाके पक गए हैं। इसका इलाज अभी चलेगा अभी टांके नहीं काट सकते। टांके काटने से साफ साफ उन्होंने मना कर दिया है जबकि मरीज के टांके 16 मार्च को कटने थे। मरीज ने यह भी बताया कि अस्पताल परिसर में मरीज और मरीज के तीमारदारों के साथ गाली गलौज अभद्र व्यवहार भी किया गया। मरीज ने डीएम दुर्गा शक्ति नागपाल से अस्पताल में हुए इस घटना की शिकायत की है लेकिन अभी तक कोई कार्यवाही नहीं की गई।
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