आरोप: कमीशन न देने पर बैंक मैनेजर नहीं दे रहा ऋण
शिवमंगल अग्रहरि
खंडेहा, चित्रकूट। शासन द्वारा दिलाए जा रहे, गरीब किसान, मजदूर, शिक्षित बेजोरगरो, छोटे व्यवसाय दुकान दरों व ग्रामीण अंचलों में लोगों को छोटे उद्योग लगवाए जाने के लिए सरकार प्रयासरत है लेकिन इस समय ग्राम पंचायत खंडेहा गांव में मौजूद आर्यवर्त बैंक शाखा के अंदर बाहर एकत्रित दलालों एवं बैंक मित्रों के माध्यम से शाखा प्रबंधक द्वारा लाभार्थी ग्राहकों से खुले आम 10 प्रतिशत कमीशन मांगे जाने की जोरो से चल रही चर्चाएं बैंक की छवि को धूमिल कर रहे हैं जो प्रबंधक के ऊपर गंभीर आरोप एकत्रित हैं।
बैंक परिसर मे लोन लेने आए हुए ग्रामीण रामबाहोरी केसरवानी, बोड्डा पाल, छेदी लाल कोल, पिंटू, छोटकू कोल, शिवहरे, माता प्रसाद, प्रियंका, पिंकी देवी, निर्मला देवी, राजपतिया, कविता देवी आदि दर्जनों ग्रामीण महिलाएं एवं पुरूषों ने बताया कि बैंक शाखा प्रबन्धक विपिन पटेल से दो माह पूर्व लोन लिए जाने के लिए बैंक आए थे, उनके कहने पर हम लोगो ने अपना अपना आय, जाति, बैंक पासबुक, आधार की छाया प्रति व 6 फोटो सहित पत्रावली तैयार कर प्रबन्धक को सौंप दिया गया था लेकिन उनके द्वारा कई बार बुलाए जाने पर अस्वशान तो देते रहे लेकिन गुरुवार को 10 प्रतिशत कमीशन की मांग की जाती है। कमीशन न दिए जाने पर दलालों के इसारे पर प्रबन्धक द्वारा कहा जा रहा। बगैर कमीशन के लोन नही दिया जाता लोन खैरात में नही बटता विरोध करने पर उन्होंने हम लोगो की फाइलें फेंक दांत फटकार करते धक्का मार गेट के बाहर निकाल दिया गया, क्योंकि हम गरीबों के पास नगदी रुपए कमीशन देने की क्षमता नहीं है, इसलिए अनेकों प्रकार के बहाने बता बैंक से भाग जाने की धमकी दी गई लेकिन जो लाभार्थी दलालों के माध्यम से पहिले कमीशन का नगदी रुपए दे देता, उनकी फाइलें पास कर लोन वितरण कर दिया जाता है और जिन लोगों के पास नगदी रुपए देने को नहीं है, प्रबन्धक दलालों द्वारा तय लिया जाता कि प्रथम किस्त में कमीशन देना होगा तब दुबारा किस्त खाते में पहुंचेगी।
ग्रामीणों ने बताया कि इसी प्रकार से बिगत वर्षो में बैंक द्वारा वितरण किए गए किसान क्रेडिट के.सी.सी, गाय, भैंस, बकरी पालन छोटे दुकानदारों को मुद्रा लोन एरिक्सा व 4 पहिया लोन वितरण किए गए ग्राहकों द्वारा समय से अदा न करने पर दलालों के माध्यम से बैंक उन्हें बैंक बुलवाकर कई तरह से डराते धमकाते कमीशन की मोटी रकम तय कर उनसे दो—दो जमा और निकासी पर्चियों मे हस्ताक्षर करवा बैंक बंद हो जाने के बाद आपस में बैठकर रूपयों का बंदरबांट करते हुए अवैधानिक तरीके से कैशियर द्वारा उनके खातों में धनराशि की जमा दरसते हुए बाद दूसरे दिन बैंक खोलने के तुरंत कैशियर लाभार्थियों के खातों से कैस निकासी दरसाते हुए उनकी फाइलें रीनिवल कर दिया जाता है जिससे लाभार्थियों के ऊपर कार्यवाही नहीं होती। ऐसी स्थिति मे सरकार विरोधी मुहिम को बट्टा लग रहा है। ग्रामीणों ने बैंक शाखा के जिलास्तरीय उच्चाधिकारी एवं जिलाधिकारी का ध्यान जनहित में इस ओर आकर्षित कराते हुए ऐसे भ्रष्ट चार में लिप्त शाखा प्रबन्धक सहित कैशियर के विरुद्ध जांच कार्यवाही करते हुए तत्काल प्रभाव से खंडेहा आर्यावर्त शाखा से हटाए जाने की प्रबल मांग की है।
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