Jaunpur News : गलत विद्युत बिल बनाने के आरोप में बिलिंग एजेन्सी का रोका गया भुगतान
विपिन मौर्य एडवोकेट
मछलीशहर, जौनपुर। विद्युत विभाग के उपभोक्ताओं के मीटर से वास्तविक यूनिट से कम मीटर रीडिंग दिखाये जाने और एक ही लोकेशन से सैकड़ों फर्जी व गलत बिलिंग किये जाने के आरोप में क्षेत्र में कार्यरत बिलिंग एजेंसी का लाखों रुपये का भुगतान विभाग द्वारा रोक दिया गया है।
अधिशासी अभियंता रामानंद मिश्रा ने बताया कि इस खण्ड के अंतर्गत आने वाले उपभोक्ताओं का डोर टू डोर मीटर रीडिंग, वितरण और धनराशि संग्रह का कार्य आंध्र प्रदेश स्थित मैसर्स स्टर्लिंग टेक्नोलॉजी इन सर्विसेस को दिया गया है। बताया गया कि बिलिंग कंपनी द्वारा उपभोक्ताओं के बिल एक ही लोकेशन से निर्गत किये जाने की जांच अवर अभियंता अभिषेक केशरवानी द्वारा की गई। अवर अभियंता ने अपनी जांच आख्या में पाया कि 112 ऐसे उपभोक्ता पाये गये जिनकी रीडिंग मौके पर मीटर से जाकर नहीं ली गई थी, बल्कि एक ही जगह से सारे बिल निर्गत कर दिये गये थे। इस कारण इन सभी उपभोक्ताओं के मीटर रीडिंग पूरी तरह से गलत आयी होगी।
उन्होंने बताया कि इसी प्रकार बिलिंग कम्पनी के मीटर रीडरों ने उपभोक्ताओं से सांठ-गांठ करके उनकी रीडिंग वास्तविक रीडिंग से कम दिखाकर बिल जमा करा दिया। इस प्रकार चोरी करने वाले उपभोक्ताओं को लगता है कि उनका बिल बहुत अधिक धनराशि का था जिन्होंने मीटर रीडर से सांठ-गांठ करके कम करा लिया है लेकिन ऐसा होता नहीं। इलेक्ट्रॉनिक मीटर में वास्तविक यूनिट का पता चल जाता है और यही कारण है कि उपभोक्ताओं को अचानक एकबारगी लाखों रुपये का बिल आ जाता है। ऐसी स्टोर रीडिंग के आरोप में बिलिंग एजेंसी का रूपये 228245 और एक ही लोकेशन से बिल निर्गत किये जाने के आरोपों की जांच के बाद 224000 रूपये यानी कुल चार लाख 52 हजार का बिल रोक दिया गया है। उनके द्वारा प्रस्तुत बिल भुगतान वर्चुअल मशीन 452000 की धनराशि की कटौती की गई है। जिसके बाद से स्टर्लिंग कंपनी के स्थानीय अधिकारियों से लेकर के आंध्र प्रदेश स्थित मुख्यालय तक में हड़कम्प मच गया है।
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