जिला अस्पताल में स्क्रैप गोदाम में आग कहीं किसी साजिश का नतीजा तो नहीं?
संदीप पाण्डेय
रायबरेली। जिला अस्पताल परिसर में बने स्क्रैप गोदाम में पुराने गद्दे, व्हील चेयर सहित अन्य लाखों के कबाड़ का सामान रखा हुआ था। आग लगने के बाद अस्पताल में भर्ती सभी मरीज अपने बेड से उठकर इधर-उधर भागने लगे। आग लगने के समय गोदाम के अगल-बगल बने वार्ड में लगभग 200 से अधिक मरीज भर्ती थे।
आनन-फानन में जिला अस्पताल प्रशासन ने फायर ब्रिगेड को सूचना दी, सूचना मौके पर पहुंची फायर ब्रिगेड ने आग पर कड़ी मशक्कत के बाद काबू पा लिया। इसकी सूचना पर पहुंची सीएमएस ने घटनास्थल का निरीक्षण किया और आग किन कारणों से लगी इसके जांच के आदेश भी जारी कर दिए हैं। सीएमएस को बदनाम करने की कहीं साजिश तो नहीं?
जिला अस्पताल में जब से नई सीएमएस ने अपना पदभार ग्रहण किया है तब से वहां कुछ दलालों व विरोधी खेमा की दुकानें पूरी तरह बंद हो चुकी हैं। सूत्रों की मानें तो सीएमएस को बदनाम करने की नियत से यह आग लगाई गई थी लेकिन बदनाम करने वालो के मंसूबों पर पानी फिर गया है।
जब से सीएमएस नीता साहू ने कार्यभार संभाला है तब से वहां पर कुछ लोग लामबंद होकर इनका विरोध कर रहे हैं। लोगों का कहना है यह लामबंद वही लोग हैं जो आज तक न ड्यूटी टाइम से आते थे और न ही ओपीडी में कभी टाइम पर बैठते थे। दलालों का जमावड़ा लगाए रखते थे और अपने प्राइवेट क्लीनिक को अपनी सुविधाएं निरंतर देते रहते थे जिनके खिलाफ सीएमएस नीता साहू ने मोर्चा लेते हुए अस्पताल की कार्य प्रणाली को सुधारने का जिम्मा उठाया। इसके बाद अस्पताल में यह डाक्टर टाइम से आने लगे, ओपीडी में बैठने लगे जिसकी वजह से यह लोग नित्य नए-नए हथकंडो को अपनाकर सीएमएस को घेरने का प्रयास कर रहे हैं। अब देखना यह है कि ऐसे भ्रष्ट कर्मचारियों को सीएमएस सुधार पाती है या नहीं? यह तो आने वाला समय बतायेगा लेकिन कुछ डाक्टरों और सीएमएस के बीच में जिस लड़ाई का जिक्र दबी आवाजों से हो रहा था, अब वह खुलकर सामने आ गया है।
आधुनिक तकनीक से करायें प्रचार, बिजनेस बढ़ाने पर करें विचार हमारे न्यूज पोर्टल पर करायें सस्ते दर पर प्रचार प्रसार।