सूखी पड़ी माइनर, किसान परेशान, हजारों बीघा फसलों को पानी का इंतजार
अन्नदताओं को सुनने वाला कोई नहीं, जमुरावा हलोर माइनर में पानी न आने से किसानों में भड़का आक्रोश
कोशिश जायसवाल
महराजगंज, रायबरेली। योगी सरकार भले ही किसानों के हित में बात कर रही हो परंतु धरातल पर कुछ और ही किसानों को नसीब हो रहा है। इस प्रचंड गर्मी में जहां एक तरफ हर व्यक्ति परेशान है तो वहीं अब सिंचाई व नहर विभाग की लापरवाही से फसलों पर भी खतरा मंडराने लगा है। वहीं क्षेत्र के बड़े नहर में तो पानी छोड़ दिया गया लेकिन जिन छोटी छोटी माइनरो से किसान अपने खेतो में पानी ले जाता है, उन छोटी माइनरो में नहर विभाग की लापरवाही से पानी नही छोड़ा गया जिससे किसान परेशान है और हजारों बीघा फसल लगाने की राह किसान देख रहा है।
बताते चलें कि उत्तर प्रदेश सरकार किसानों को अन्नदाता का दर्जा तो देती है पर इन किसानों का सुनने वाला कोई नहीं जिससे उन्हें अपनी ही फसल उगाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। ज्येष्ठ माह का एक तिहाई हिस्सा इस प्रचंड गर्मी के बीच बीत चुका है जिससे आमजनमानस के साथ जीव-जंतु भी परेशान होते देखे गए। अब इन अन्नदताओं के फसल पर भी संकट मंडराने लगा है, क्योंकि नहर विभाग की लापरवाही से छोटी छोटी माइनरो में पानी अभी नहीं छोड़ा गया। इससे धान की रोपाई करने में समस्या उत्पन्न हो रही है और फसल। कहते हैं कि फसलों में सबसे ज्यादा अगर किसी फसल को पानी की जरूरत होती है तो वह धान की फसल होती है लेकिन नहर विभाग के आलाधिकारियों को इन अन्नदताओं की गुहार नहीं सुनाई दे रही और अपने कानो में रूई डालकर बैठे हुए है।
वहीं इस क्षेत्र के श्री राम शुक्ला,चंदन यादव गुड्डू सिंह, उदयराज, मुन्नी लाल, श्रीराम, हरिशंकर, रामफल, धर्मेंद्र, राम किशोर, पवन सहित कई बड़े किसानों ने बताया कि जौनपुर ब्रांच बड़ी नहर से यह छोटी माइनर सभी के खेतो में पानी के लिए निकाली गई थी जिसको जमुरावां हलोर माइनर कहते है। इसमें कई दिनों से सफाई नही हुई जिसके कारण पानी नहीं आता है जिससे हजारों बीघा धान की खेती करने में किसानों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
क्या कहते हैं स्थानीय किसान
बड़े नहर जौनपुर ब्रांच में पानी तो आ रहा परंतु नहर विभाग की लापरवाही से छोटी माइनरो में पानी नहीं पहुंच पा रहा है जिससे धान की रोपाई में दिक्कत आ रही है और नहर विभाग मूकदर्शक बना देख रहा है। किसान राम शुक्ला ने कहा कि डीजल इतना सस्ता नहीं है। पंपिंग सेट से नियमित तौर पर सिंचाई किया जा सके। ऐसे में माइनर का पानी ही एक सहारा रहता है जहां सूखा पड़ा हुआ है। किसान उदय का कहना है कि माइनर सूखी पड़ी है। ऐसे में महंगे डीजल से सिंचाई करने को सभी किसान मजबूर है। सिंचाई व नहर विभाग किसानों का दर्द जल्दी समझता नहीं है।
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