पुलिस लाइन में लैंगिक उत्पीड़न निवारण जागरूकता कार्यशाला आयोजित
अतुल राय
वाराणसी। पुलिस लाइन में महिलाओं के कार्यस्थल पर महिलाओं का लैंगिक उत्पीड़न (निवारण, प्रतिषेध व परितोष) अधिनियम—2013 पर समस्त थानों/पुलिस कार्यालय के शाखाओ में नियुक्त महिला आरक्षियों/अधिकारियों/कर्मचारियों के एक विशेष जागरूकता कार्यशाला का आयोजन हुआ जहां बड़ी संख्या में लगभग 150 महिला कर्मियो ने भाग लिया। इस दौरान ममता रानी अपर पुलिस उपायुक्त महिला अपराध ने बताया कि महिलाओं में जागरूकता के उदेश्य से इस कार्यशाला का आयोजन हुआ। महिलाओं को कार्य स्थल पर पूरी तरह सुरक्षित वातावरण उपलब्ध हो जिससे वे कार्यस्थल पर सहज अनुभव करें। कार्यस्थल पर महिलाओं का लैंगिक उत्पीड़न (निवारण, प्रतिषेध व परितोष) अधिनियम—2013 महिलाओं के समानता के मौलिक अधिकारों की पुष्टि करता है।इसके तहत उन्हें पूरी गरिमा और अधिकार के साथ समाज में रहने किसी व्यवसाय, व्यापार या कार्य को करने की स्वतंत्रता है। भारतीय संविधान के अनुसार कार्य स्थल का वातावरण पूरी तरह सुरक्षित और यौन शोषण रहित होना भी शामिल है। सुरक्षित कार्य वातावरण का अधिकार एक मौलिक अधिकार है। प्रत्येक व्यक्ति चाहता है कि उसके साथ सम्मानपूर्वक व्यवहार किया जाए। हमारे देश में महिलाओं के लिए सुरक्षित कार्यस्थल बनाने के उद्देश्य से विभिन्न विधिक प्रावधान किये गए है। दुर्भाग्य से कठोर कानूनों के लगभग एक दशक बाद भी यौन उत्पीड़न के मामले महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान के लिए खतरा बने हुए हैं। कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न के कारणों को समझना कार्यस्थल पर इसे रोकने की दिशा में आन्तरिकत शिकायत समिति का गठन किया जाना एक आवश्यक कदम है। छः सदस्यीय आतंरिक शिकायत समिति का गठन किया जा चुका है जिसमें कोई भी महिला कर्मी अपनी शिकायत दर्ज करा सकती है। रंजना गौर सार्क डायरेक्टर ने बताया कि महिलाओं की कार्यस्थल पर होने वाली लैंगिक उत्पीड़न की रोकथाम के लिए जागरूकता बेहद जरूरी है। बड़े शहरों में इसको लेकर खासी जागरूकता आई है लेकिन छोटे शहरों में इस दिशा में वृहद स्तर पर कार्य किए जाने की जरूरत है। समिति के समक्ष इस तरह के लैगिंक उत्पीड़न की रोकथाम के लिए जिला एवं ब्लाक स्तर पर कमेटियों के गठन किया गया है।कमेटी का दायित्व है कि शिकायतकर्ता महिला कर्मी व जिस व्यक्ति पर आरोप लग रहे है,उनकी पहचान गुप्त रखी जायेगी। कमेटी के जिस व्यक्ति द्वारा उल्लघंन किया जायेगा, उसे कमेटी के पद से हटा दिया जायेगा। आपको अपने लिये तो जागरूक होना है। साथ ही अपके टच में जो महिला कर्मी है,उनके लिए भी जागरूक होना जरूरी है। अगर वह महिला कर्मी कहती है कि मैडम मै जहां काम करती हूं। मेरे साथ यह चीजे हो रही है तो उसको समझिये कि उसके साथ गलत हो रहा है। इसके साथ कार्य स्थल पर महिला कर्मी के साथ यदि किसी अन्य तीसरे व्यक्ति द्वारा उसको सेक्सुवली ह्रासमेन्ट करता है तो वह IPC की धाराओं में जाकर उसकी शिकायत कर सकी है। पॉश एक्ट केवल वर्क प्लेस पर कार्य कर रहे महिला पुरूष कर्मी पर लागू होता है।
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