हजरत अमीर माह शाह के 673वें उर्स पर उमड़ी भारी भीड़
अब्दुल शाहिद
बहराइच। मशहूर बुजुर्ग कुतुब ए दौरां हजऱत सैय्यद अफ़ज़ल उददीन अबूजाफर सोहरवर्दी अमीरमाह (रह0) के 673वें उर्स पाक के मौके पर हजारों अक़ीदतमन्दों ने कुल शरीफ की तक़रीब में शिरकत कर मज़ार पर हाज़िरी देते हुवे अपनी बे पनाह मोहब्बतों का नज़राना पेश किया। वक्फ नम्बर 60 आस्ताना अमीर माह शाह इन्तिज़ामिया कमेटी के सदर साज़िद अली एडवोकेट की रहनुमाई में शुक्रवार की सुबह कुल शरीफ का आगाज़ मौलाना ज़ाहिर अली क़ादरी की निज़ामत में कारी मो0 इब्राहीम की तिलावत कलाम अल्लाह से हुआ और कारी इनायत उल्ला, हाफिज अब्दुल कय्यूम, मौलाना नूर आलम, मौलाना शब्बीर मसूदी, मौलाना निसार, मौलाना शाहिद रज़ा, मो0 आज़ाद ने नात व मनकबत का नज़राना पेश किया।
तक़रीब को खिताब करते हुये नौजवान आलिम ए दीन शाही इमाम मौलाना अर्शदुल क़ादरी ने कहा कि अल्लाह वालों की बारगाह में हमेशा अदब व एहतिराम के साथ ही आना चाहिये, क्योंकि बे अदब को कुछ भी नसीब नही होता। उन्होंने कहा कि विलायत एक अज़ीम मनसब है जो अल्लाह पाक अपने नेक बन्दों को बड़ी इबादत व रियाजत, तक़वा और तहारत के बाद अता फरमाता है। मौलाना ने कहा कि औलिया किराम ने हमेशा शफ़क़त व मोहब्बत का रवैया अख्तियार फरमाया औलिया किराम रसदो हिदायत के चराग होते हैं जो भी उनके नक़्शे कदम पर चलता है महबूब ए खुदा हो जाता है। लिहाजा आज बहुत सदीद जरूरत है कि हम अपने अकायद व आमाल कुरआन व सुन्नत के मुताबिक करें और अल्लाह की मख़लूक़ के साथ शफ़क़त व मोहब्बत का मामला करें।
तक़रीब को मौलाना मुफ़्ती कमरुद्दीन, मौलाना खुर्शीद मिस्बाही और मौलाना अब्दुल कय्यूम ने भी खिताब करते हुये अल्लाह वालों की शान और उनके फ़ैज़ का जिक्र किया। कुल पढ़ने के बाद मौलाना अर्शदुल क़ादरी की दुआ और सलात व सलाम के बाद कुल शरीफ के प्रोग्राम का एखतिताम हुआ। वह मखदूम अशरफ सिमनानी (रह0) किछौछा के करीबी साथियों में थे और अपने वक़्त के बहुत ही जलाली बुजुर्ग कहलाते थे यहां लोगों के बड़े बड़े फैसले सिर्फ उनकी मज़ार पर कसम खाने से हो जाते थे सच्चाई यह भी है कि यहां झूठी कसम खाने वाले शख्स को नुकसान का सामना भी करना पड़ता था मारे ख़ौफ़ के लोग जल्दी उनकी मज़ार पर कसम खाने की हिम्मत नहीं जुटा पाते थे। कुल की तक़रीब में मर्दों के साथ खुवातीन की भी बड़ी तादाद मौजूद थी।
इस मौके कई अहले खैर हजरात की तरफ से कई जगहों पर जायरीन के लिये सबील का भी इन्तिज़ाम किया गया था। कुल की तक़रीब में मुफ़्ती शमीम आलम, मौलाना निजाम उददीन, मौलाना अब्दुल रहीम, मौलाना इमाम उददीन, कारी अनीस, कारी नसरत, मो0 सलीम, मौलाना मुबारक, मौलाना मोहब्बत अली, कारी नौशाद, शमीम बाबा, रियाज़ खान, अब्दुल रहमान, बच्चे भारती, मकसूद रायनी सहित तमाम लोग मौजूद थे।
आधुनिक तकनीक से करायें प्रचार, बिजनेस बढ़ाने पर करें विचार
हमारे न्यूज पोर्टल पर करायें सस्ते दर पर प्रचार प्रसार।