जिला कारागार के बंदियों के मानवाधिकारों का रखा जाए ख्याल: जिला जज
शिवमगंल अग्रहरि
चित्रकूट। जिला जज विकास कुमार प्रथम और सीजेएम सूर्यकांतधर दुबे ने जिला कारागार का औचक निरीक्षण किया। जिला जज ने कारागार में निरुद्ध महिला बंदियों और उनके साथ रह रहे बच्चों के खान पान, कपडे, उपचार आदि की जानकारी की। उन्होंने जेल अधीक्षक से महिला बैरक की क्षमता और उसमे निरुद्ध बंदियों की संख्या की जानकारी की। साथ ही उन्हें प्रदान की जाने वाली विधिक सहायता और उनकी विधिक समस्याओं का परीक्षण किया। उन्होंने जेल अधीक्षक को समयबद्ध सहायता प्रदान करने के लिए निर्देशित किया। साथ ही जेल चिकित्सालय में भर्ती बंदियों को दिए जाने वाले उपचार के सम्बन्ध में डॉक्टर से जानकारी ली। उन्होंने दवाओं की उपलब्धता को देखा और उपचाररत बंदियों से उनकी समस्याओं की पूछताछ की। उन्होंने कारागार सर्किल में निरुद्ध बंदियों के लिए ठंडे जल की उपलब्धता और कारागार में मौजूद आरओ प्लांट की क्रियाशीलता को देखा। उन्होंने जेल अधीक्षक को निर्देशित किया कि गर्मियों में बंदियों के बचाव के लिए पर्याप्त प्रबंध रखें। साथ ही उन्होंने हाई सिक्योरिटी में निरुद्ध बंदियों के सुरक्षा और उनकी समस्याओं का भी जायजा लिया। उन्होंने कारागार में ओवर क्राउडिंग की स्थिति की जानकारी ली। जिस पर जेल अधीक्षक ने बताया कि वर्तमान में कारागार में ओवर क्राउडिंग की समस्या नहीं है। मानवाधिकारों के अनुरूप जेल के आधारभूत संरचना का जिला जज ने व्यापक परीक्षण किया गया। उन्होंने जेल अधीक्षक को इस सम्बन्ध में आवश्यक दिशा निर्देश दिए। इस मौके पर जेल अधीक्षक शशांक पांडेय, जेलर संतोष कुमार वर्मा, डिप्टी जेलर रजनीश सिंह, जितेंद्र कन्नौजिया, बृज किशोरी आदि मौजूद रहे।
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