गांव में नरक जिन्दगी जीने को मजबूर लोग, विकास सिर्फ फाइलों में है दफन
गांव में नरक जिन्दगी जीने को मजबूर लोग, विकास सिर्फ फाइलों में है दफन
पंकज मिश्रा
डलमऊ,रायबरेली। जहां प्रदेश की सरकार लगातार गांव के विकास के लिए काफी संजीदा नजर आ रही है, वहीं सरकार की महत्वपूर्ण योजनाएं धरातल पर न दिखाकर कागजों तक सीमित रह गई हैं और सरकार की मंशा पर पलीता लगा रही है। मामला डलमऊ के विकासखंड ग्राम पचखरा मजरे भरसना का है।
यहां अगर विकास की बात करें तो विकास यहां से कोसों दूर है जहां दरवाजे से कच्ची नालियां बज बजाती हुई नजर आती हैं जिसे स्वयं लोग साफ करके गंदगी में जीवन व्यतीत करने के लिए मजबूर हैं। सरकारें चाहे जितना स्वच्छ भारत मिशन जागरूकता अभियान चलाएं लेकिन प्रधान और जिम्मेदार लोग सरकार की योजना में पलीता लगाने से बाज नहीं आ रहे है। तमाम बार प्रधान एवं अधिकारियों से मिलकर शिकायतें की लेकिन समस्या जस की तस बनी हुई है।
मोटी रकम कमाने के चक्कर में जान से भी समझौता करने में माहिर हैं। इसी ग्राम सभा पिपरी में पानी के गड्ढे में गिरने से मासूम की मौत हो गई तो प्रधान ने पंचनामा कराकर अंतिम संस्कार करा दिया। वहां भी पानी का निकास होता तो मासूम की जान बचाई जा सकती थी लेकिन प्रशासन ने जिम्मेदारों पर कोई कार्यवाही नहीं की अब देखना है कि और कितने मासूमों की जान जाना बाकी है?
आधुनिक तकनीक से करायें प्रचार, बिजनेस बढ़ाने पर करें विचार
हमारे न्यूज पोर्टल पर करायें सस्ते दर पर प्रचार प्रसार।