आत्महत्या के लिये उकसाने के मामले में दोषसिद्ध होने पर 3 को सजा
शिवमंगल अग्रहरि
चित्रकूट। विवाहिता को आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में दोष सिद्ध होने पर सत्र न्यायाधीश विकास कुमार प्रथम ने 3 सगे भाईयों को 7-7 वर्ष कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही प्रत्येक को 5 हजार रूपए के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया। सजा पाने वाले तीनों आरोपी रिश्ते में मृतका के जेठ हैं।
जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी श्याम सुन्दर मिश्रा ने बताया कि बीती 29 मई 2022 को बांदा जिले के कमासिन थाने के अन्दौरा निवासी रोहित यादव ने पहाड़ी थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। पुलिस को दी गयी तहरीर में रोहित ने बताया था कि उसने अपनी बहन केता देवी की शादी पहाड़ी थाना क्षेत्र के भम्भौर गांव के महुटा रूपौली लोखरिहापुरवा निवासी रविकरण के साथ वर्ष 2014 में की थी। बीती 27 मई 2022 की शाम 4 बजे उसकी बहन केता का सास के साथ कुछ विवाद हो गया जिसमें बहन के जेठ शिवमोहन यादव ने उसे लाठी से मारा। घटना को आत्महत्या का रूप देने के लिए ससुरालीजनों ने आग लगा दिया।
इस मामले में उसने मृतका केता के जेठ गोरेलाल व राजा यादव आदि के विरूद्ध रिपोर्ट दर्ज कराई थी। पुलिस ने मामले की रिपोर्ट दर्ज करने के बाद आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। साथ ही न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया था। इस मामले में मृतका के पति और आरोपियों के सबसे छोटे भाई रविकरण ने भी गवाही दी थी। इसके चलते हत्यारोपी दो भाईयों की जमानत अब तक नहीं हो सकी और दोनों भाई अभी तक जेल में बंद हैं।
बचाव और अभियोजन पक्ष के अधिवक्ताओं की दलीले सुनने के बाद बुधवार को जिला जज विकास कुमार प्रथम ने निर्णय सुनाया। लगभग दो साल पहले हुए आत्महत्या को उकसाने के इस मामले में दोष सिद्ध होने पर शिवमोहन, गोरे लाल व राजा यादव को सात-सात वर्ष कारावास की सजा सुनाई गई। साथ ही प्रत्येक को 5 हजार रूपए के अर्थदण्ड से भी दण्डित किया गया।
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