आदर्श इण्टर कालेज के प्रबन्धक का कराया गया जांच भी माना जा रहा साजिश का हिस्सा
पीड़ित व शोषित शिक्षक राकेश की कहानी, पढ़िये उसी की जुबानी
विशाल रस्तोगी
सीतापुर। आखिर परसेहरा माल के आदर्श इण्टर कालेज के प्रबन्धक और प्रबन्ध तंत्र द्वारा एक दलित शिक्षक का उत्पीड़न क्यों किया जा रहा है? आखिर इसके पीछे राज क्या है, क्या पीड़ित दलित शिक्षक द्वारा जो आरोप लगाये हैं, उनकी जांच हो चुकी है। आखिर प्रबन्धक व प्रबन्ध तंत्र एक शिक्षक की बर्खास्तगी पर क्यों जुटे हैं? प्रबन्धक द्वारा यह सब कार्य साजिशन रची जा रही है या फिर और कोई कारण है। प्रबन्धक और प्रबन्धक तंत्र भी पीड़ित शिक्षक काण्ड में शक के दायरे में आ रहा है, क्योंकि गम्भीरता से देखा जाय तो जांच भी जांच के दायरे में आ रही है, क्योंकि प्रबन्धक पर भी रूपये मांगने का आरोप लग रहा है। मामला दलित श्क्षिक के भविष्य और उसके परिवार से जुड़ा है। इस कारण कार्यवाही एकतरफा नहीं की जा सकती है।
मामले की उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए, क्योंकि प्रबन्धक पर भी रिश्वत लेने और न पाने के कारण बदले की भावना कार्यवाही किये जाने की बात कही जा रही है। गौरतलब हो कि भारत को आजाद हुए इतने वर्ष हो गए हैं, फिर भी इस देश में जाति प्रथा खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। यही कारण है कि यहां पर भविष्य निर्माण करने शिक्षा विभाग भी जाति प्रथा से बच नहीं पाते। चाहे वह कितना भी विद्वान क्यों न हो। ताजा मामला सीतापुर के ब्लाक हरगांव के पर सेहरा माल स्थित आदर्श इंटर कालेज का है जहां आयोग द्वारा चयनित एक शिक्षक को सिर्फ इसलिए प्रताड़ित किया जाने लगा कि वह अनुसूचित जाति का है। जाति प्रथा कोई और नहीं, बल्कि विद्यालय के प्रधानाचार्य और प्रबंधक हैं। इतना ही नहीं, उनका अनुसूचित जाति के इस टीचर पर इतना कहर बरपा कि वह न्याय पाने के लिए के साथ दर-दर ठोकरें खाने को मजबूर है। बता दें कि उत्तर प्रदेश से चयनित माध्यमिक शिक्षा चयन बोर्ड प्रयागराज से संस्कृत के अध्यापक की नियुक्ति 17 फरवरी 2021 को आदर्श इंटर कालेज परसेहरा माल सीतापुर में की गई थी।
सहायक अध्यापक राकेश कुमार का कहना है कि नियुक्ति के समय ही 3 लाख रुपए की मांग की गई जिसकी मांग पूरी न होने पर 2 नवंबर 2021 को प्रबंधक विमलेश शर्मा तथा अध्यक्ष सुरेश अवस्थी द्वारा लिपिक दिनेश मिश्रा से बुलवाया गया जिसके बाद प्रबंधक तथा अध्यक्ष द्वारा कहा गया कि 3 लाख रुपये दे दो। राकेश कुमार नहीं तो तुम्हें किसी झूठे मुकदमे फंसा देंगे। इसके अलावा आपकी नौकरी से हटवा देंगे। अध्यापक राकेश का कहना है कि मैंने उनसे कहा कि हमारे जैसे गरीबों का शोषण कर रहे हैं। इतने में प्रबंधक विमलेश शर्मा गालियां देने लगे। अध्यक्ष सुरेश अवस्थी ने कहा कि डीआईओएस हमारे चाचा लगते हैं। तुम कुछ भी नहीं कर सकते। प्रबंधक कहने लगे के तुम्हें नौकरी से लात मार कर निकाल देंगे। इलाहाबाद में तुम्हारी तरफ से कोई गवाही नहीं देगा। अध्यापक राकेश का यह भी कहना है कि उक्त लोगों ने यहां तक कह दिया कि तुम्हें लड़कियों की छेड़खानी में झूठा मुकदमा दिखाकर फंसाकर बर्खास्त करा देंगे। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि पहले हरपाल और प्यारे लाल को यहां से निकाल दिया था।
आपको भी यहां से बर्खास्त करा देंगे। इतने लोगों ने मुझे मार डालने की धमकी देने लगे। राकेश कुमार बताया कि जिसकी सूचना उन्होंने जिलाधिकारी, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, जिला निरीक्षक सीतापुर व शिक्षा विभाग के उच्च अधिकारियों के अलावा को भी दे दिया है किंतु अभी तक कोई ठोस कार्यवाही नहीं की गई। यहां पर पुलिस द्वारा धमकियां मिल रही हैं। राकेश कुमार का यह भी कहना है कि उन्होंने स्थानीय थाना हरगांव में भी इस बात की शिकायत दी है लेकिन अभी तक उनकी कोई सुनवाई नहीं हो सकी है। इस बात की जानकारी जब जिला विद्यालय निरीक्षक देवी सहाय तिवारी से ली गई तो उन्होंने बताया कि राकेश कुमार ने स्वास्थ्य प्रमाणपत्र फर्जी लगाया है और जो जांच का विषय है।
अध्यापक राकेश ने बताया कि उन्होंने इस बीच जिलाधिकारी पुलिस अधीक्षक जिला विद्यालय निरीक्षक और हरगांव थाना प्रभारी आदि आला अधिकारियों को मिलकर प्रार्थना पत्र दिया और आईजीआरएस भी किया जिस पर थाना हरगांव के उपनिरीक्षक उमाकांत सबिता ने पीड़ित अध्यापक राकेश कुमार से बिना बात किए जांच आख्या लगाते रहे। गजब तो तब हो गया जब उमाकांत सविता ने पीड़ित अध्यापक राकेश की जांच रिपोर्ट शिकायत कर्ता का मूल पता ही बदल दिया। जांच अधिकारी उपनिरीक्षक उमाकांत सविता को बार-बार आईजीआरएस में दर्शाए गए पत्ते के स्थान पर पट्टी से भई थाना तालगांव सीतापुर दर्शा दिया जो पूर्णतया गलत है और ऐसे जिम्मेदार जांच अधिकारी को एक बार तो गलती हो सकती है लेकिन बार-बार वही पता डाल देना गलत पता डाल देना। विद्यालय की टीम जांच कर रही है। जैसा भी होगा, उचित कार्यवाही की जाएगी। अन्य प्रश्न पूछने पर जिला विद्यालय निरीक्षक ने पल्ला झाड़ लिया।
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